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यूपी बोर्ड परीक्षा 2019 : दसवीं और बारहवीं की परीक्षा में बड़े बदलाब, सुनकर छात्रों और प्रशासन में हडकम्प

Special Coverage News
28 Jan 2019 7:51 AM IST
यूपी बोर्ड परीक्षा 2019 : दसवीं और बारहवीं की परीक्षा में बड़े बदलाब, सुनकर छात्रों और प्रशासन में हडकम्प
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उत्तर प्रदेश माध्यमिक परीक्षा बोर्ड ने इस वर्ष होने वाले परीक्षाओं के संबंध में बड़ा बदलाव किया है। बोर्ड के नए आदेश के मुताबिक इस वर्ष होने वाले हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं में 50 फीसदी कक्ष निरीक्षक दूसरे स्कूलों के होंगे।


उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव अनूप चन्द्र पाण्डेय ने सभी जिलाधिकारियों और मण्डलायुक्तों को इस संबंध में पत्र भेजकर नकलविहीन परीक्षाएं कराने के लिए कड़े निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि यूपी बोर्ड की परीक्षाएं 6 फरवरी से 12 मार्च तक आयोजित किए जाएंगे। मुख्य सचिव अनूप चन्द्र पाण्डेय ने अपने निर्देष में कहा है कि जिलों के अंतिसंवेदनशील केन्द्रों पर यदि केन्द्र व्यवस्थापक चाहें तो एलआईयू से निगरानी करवाने के लिए डीआईओएस को सूचित कर सकते हैं।


इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस बार 8354 परीक्षा केन्द्र बनाए गए हैं, जो पिछली बार से 195 कम हैं। इसके अलावा बताया गया है कि जिलों में परीक्षा केन्द्र को सेक्टर में बांट दिया जाए और हर सेक्टर में 10 से 12 से ज्यादा परीक्षा केन्द्र नहीं बनाएं। इसके साथ ही हर सचल दस्ते में दो सशस्त्र पुलिस कांस्टेबल और सब इंस्पेक्टर को शामिल करने के लिए कहा गया है। आदेश में बताया गया है कि सभी जिलों में कोडयुक्त कॉपियों का इस्तेमाल होना चाहिए। किसी परीक्षा केन्द्र से सामूहिक नकल की सूचना प्राप्त होने पर प्रश्न-पत्र बदले जाएं या उस पाली की परीक्षा रद्द कर किसी अन्य केन्द्र पर परीक्षा करवाई जाए।


उन्होंने अपने आदेश में कहा है कि सामूहिक नकल पकड़े जाने पर सेक्टर मजिस्ट्रेट या स्टेटिक मजिस्ट्रेट भी जिम्मेदार माने जाएंगे। अतिसंवेदनशील परीक्षा केंद्रों पर एसटीएफ तैनात की जाएगी। इसके अलावा यह भी निर्देश दिए गए हैं कि जिलास्तर पर डीएम की अध्यक्षता में गठित कमेटी में समाचार-पत्रों के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए, जिससे नकल की रोकथाम के लिए बेहतर फीडबैक मिल सके।


इसके अलावा उन्होंने अपने निर्देश में कहा है कि बिजली की व्यवस्था न होने पर अनिवार्य रूप से जनरेटर चलाया जाएगा। सेक्टर मजिस्ट्रेट दोनों पाली में परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण करेंगे। सीसीटीवी कैमरों की नियमित रूप से जांच की जाएगी और इसकी रिकॉर्डिंग कभी भी मांगी जा सकेगी। कक्ष निरीक्षकों को पहचान-पत्र के साथ ही आधार कार्ड भी रखना होगा। परीक्षा ड्यूटी में लगे किसी व्यक्ति को धमकी मिलने पर तत्काल एफआईआर दर्ज होगी।

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