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- सांसद महेश शर्मा का...
धीरेन्द्र अवाना
नोएडा। लोकसभा चुनाव जैसे जैसे नजदीक आता जा रहा है, वैसे-वैसे ही दावेदार अपने अपने तरीके से लोगों को रिझाने का प्रयास करते नजर आ रहे है। लेकिन दूसरी ओर जिले के अलग-अलग स्थान पर मौजूदा सांसद का विरोध होना उनकी कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगाता है।अब प्रश्न ये उठता है कि सांसद का लोकसभा चुनाव से पहले इतना विरोध क्यों हो रहा है।सांसद समर्थकों का कहना है कि ये सब राजनीति से प्रेरित है।लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि क्या ये विरोध अभी शुरु हुआ है क्या पहले से ही चल रहा है।तो जबाब ये मिलता है कि ये विरोध आज का नहीं बल्कि कई वर्षों से चल रहा है। लेकिन आज तक सांसद ने विरोध के कारणों पर ध्यान नहीं दिया।जिसकी वजह से आज ये विरोध प्रदर्शन उनके लिए नासूर बनते जा रहे है।वही लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी व लोगों के बीच उनकी छवि खराब होती जा रही है।ऐसे में उनकी दावेदारी पर भी संकट आ सकता है।
सांसद का क्यों हो रहा विरोध
लोगों की सुरक्षा व उनके मुद्दों को नजरअंदाज कर देना।वही घर खरीदारों के मुद्दों, किसानों और आवासीय भूखंड मालिकों की मांगों, किसानों की भूमि मुआवजे के मुद्दों, बेहतर यातायात प्रबंधन, संपत्ति को फ्रीहोल्ड स्थिति, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे के औद्योगिक प्राधिकरणों में जनता के मुद्दों के समाधान का आश्वासन दिया।
प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत दो गांवों को आदर्श गांव के रुप में विकसित करने का वादा किया।लेकिन लोगों का कहना है कि इन समस्याओं का कोई भी समाधान नहीं किया गया।
कब कब हुआ सांसद का विरोध
(1)साल 2018 में प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत गोद लिए गांव कचेड़ा में।गांव वालों का आरोप है कि इलाके के सांसद महेश शर्मा ने इलाके के विकास पर ध्यान नहीं दिया।उन्होंने बिल्डरों से मिलकर उनकी जमीनों पर कब्जा करवाया और किसानों की खड़ी फसलों को बर्बाद कर दिया।
"बीजेपी नेता का गांव में आना मना है" का लगाया बोर्ड
(2)साल 2019 में दनकौर के मिर्जापुर गांव में दस गांव के लोगों ने इकट्ठा होकर सांसद को गांव में घुसने तक नहीं दिया था और गांव की सीमा से ही दौडाकर भगा दिया था।लोगों का आरोप था कि हमारा भाजपा से कोई विरोध नहीं लेकिन सांसद महेश शर्मा ने आज तक हमारे गांवओ में कोई भी विकास कार्य नहीं करवाया ना ही जनता से उनकी समस्याओं को लेकर कोई संवाद किया है।
(3)साल 2020 की तो किसानों की मांगे पूरी नहीं होने पर उन्होंने सांसद के नोएडा स्थित अस्पताल का घेराव किया।
(4)साल 2021 में किसानों ने अपनी मांगे पूरी नहीं होने पर सांसद के आवास का घेराव किया।
(5)साल 2022 में दूसरे गोद लिए गांव दुल्हेरा में भी सांसद को ग्रामीणों का गुस्सा का सामना करना पड़ा था।सिकंदराबाद तहसील के गांव दुल्हेरा के लोगों का आरोप था कि डॉ महेश शर्मा ने इस गांव को गोद लेना का ड्रामा किया था।गोद लेने के बाद से अब तक डॉ महेश शर्मा गांव में झांकने तक नहीं आए। चुनाव आने के समय ही इनको इस गांव की याद आती है।
(6)साल 2024 में खुर्जा के गांव सुनपेड़ा में ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा।आरोप था कि सांसद 5 साल में कुछ नहीं किया वोट मांगने आये बाद गांव में पहुँचे थे।
(7)साल 2024 : बुलंदशहर के चोला गांव में प्रधानमंत्री की रैली सांसद डा.महेश शर्मा का जबरदस्त विरोध और लगे मुर्दाबाद के नारे। अधिकांश लोगों का मानना था कि अबकी बार यदि नोएडा का प्रत्याशी नही बदला गया तो भाजपा इस सीट को गंवा सकती है।
(8)साल 2024 : एक दिन पहले किसानों ने सांसद डा.महेश शर्मा के घर का घेराव किया।किसानों का आरोप है कि सांसद ने उनके साथ धोखा किया है। किसानों के हित में कोई काम नहीं किया है।
सांसद का विवादों से नाता
साल 2019 : बुलंदशहर में एक सभा के दौरण भगवान को बेवकूफ कह कर विवादों में आये।
साल 2019 : राहुल गांधी को “पप्पू” और उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा को “पप्पू की पप्पी” कह कर विवादों में आये।
साल 2022 : ग्रैंड ओमैक्स सोसाइटी में अतिक्रमण को लेकर दो पक्षओं के झगडे में कूदने पर विवादों में आये।इस मामले में त्यागी-ब्राह्मण विवाद होने पर चर्चा में आये।