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- नोएडा एसएसपी वैभव...
नोएडा: यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया। शासन ने यह कार्रवाई गोपनीय रिपोर्ट को लीक कर आचरण नियमावली के उल्लंघन को लेकर की। खास बात यह है कि वैभव कृष्ण के खिलाफ यह कार्रवाई एक महिला के साथ उनकी चैट के वायरल विडियो को लेकर फरेंसिक लैब की रिपोर्ट आने के तुरंत बाद की गई है। आइए बताते हैं क्या है वायरल चैट और गोपनीय रिपोर्ट का मामला।
लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि ईमानदार होना अब एक अभिशप्त है? क्योंकि जिस तरह से एसएसपी वैभव कृष्ण ने नोएडा में भ्रष्टाचार को लेकर कार्यवाही की थी उससे सभी परेशान थे। चूँकि इस देश में भी इस बिमारी का कोई तोड़ नहीं है। जिस तरह एडीजी जसवीर सिंह को होमगार्ड घोटाले की जांच महंगी पड़ी ठीक उसी तरह एसएसपी वैभव कृष्ण पर भी होमगार्ड घोटाला भारी पड़ा और उनको अपना पद के साथ साथ अपनी छवि भी दांव पर लगानी पड़ी। हालांकि नोएडा में ताबड़तोड़ कार्यवाही से आज निजात मिल गई।
जिस तरह पीएम मोदी और सीएम योगी के निर्देशानुसार काम कर रहे थे या फिर प्रदेश और देश में भ्रष्टाचार के विरुद्ध काम करेगा उसका यही हश्र होगा तो क्या होगा इस देश का? क्योंकि कांग्रेस सरकार में हरियाणा के आईएएस अधिकारी अशोक खेमका का समर्थन किया लेकिन अब राज्य और केंद्र में बीजेपी की सरकार है। लेकिन इस सरकार में भी उनका ट्रांसफर पोस्टिंग की प्रक्रिया उनको कहीं नहीं रुकने नहीं दे रही है।
वैभव कृष्ण का एक महिला के साथ चैट हुआ था वायरल
कुछ दिन पहले वैभव कृष्ण की एक महिला के साथ कथित सेक्स चैट का एक विडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। विडियो में महिला नहीं दिख रही थी लेकिन उसके फोन की स्क्रीन की किसी अन्य डिवाइस से रिकॉर्डिंग की गई थी। विडियो वायरल होने के बाद वैभव कृष्ण ने नोएडा सेक्टर पुलिस स्टेशन में केस दर्ज कराया था। उन्होंने विडियो को मॉर्फ्ड और एडिटेड करार दिया था और उसे अपनी छवि बर्बाद करने की साजिश करार दिया था। हालांकि उनकी इस बात में दम था। लेकिन जिस तरह से कल से लेकर आज तक केवल वैभव कृष्ण के सस्पेंशन पर मामला अड़ा रहा।
फरेंसिक लैब की जांच में सही पाया गया विडियो
एसएसपी के सेक्स चैट का विडियो वायरल होने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। वायरल विडियो की जांच मेरठ के एडीजी और आईजी को सौंपी गई थी। उन्होंने जांच के दौरान विडियो को फरेंसिक जांच के लिए गुजरात की लैब में भेजा था। फरेंसिक लैब की रिपोर्ट में चैट का विडियो सही पाया गया, जबकि एसएसपी ने दावा किया था कि विडियो फर्जी है। फरेंसिक रिपोर्ट के ठीक बाद वैभव कृष्ण को सस्पेंड कर दिया गया।
एसएसपी ने कर दिया 'गोपनीय' रिपोर्ट का खुलासा
महिला के साथ कथित सेक्स चैट वायरल होने के बाद वैभव कृष्ण ने न सिर्फ FIR दर्ज कराई, जबकि प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सफाई दी कि यह उनकी छवि खराब करने की साजिश है। उन्होंने 5 आईपीएस अफसरों का नाम लेते हुए उन पर पोस्टिंग के लिए रिश्वत लेने समेत भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के मामलों में उनकी कार्रवाई से नाराज अफसरों ने एडिटेड विडियो वायरल किया है।
गोपनीय रिपोर्ट के खुलासे पर डीजीपी ने मांगा था जवाब
वैभव कृष्ण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि उन्होंने पांच आईपीएस अफसरों के खिलाफ सीएम ऑफिस, डीजीपी व अपर मुख्य सचिव (गृह) को करीब एक महीना पहले गोपनीय जांच रिपोर्ट भेजी थी। तबसे एक बड़ी लॉबी उनके खिलाफ साजिश रच रही है और फेक विडियो इसी का हिस्सा है। गोपनीय रिपोर्ट को मीडिया में जारी करने पर खुद डीजीपी ओपी सिंह ने नाराजगी जाहिर की थी और वैभव कृष्णा से जवाब तलब किया था। डीजीपी ने कहा था, 'गोपनीय दस्तावेज को वायरल करना गैरकानूनी है। गोपनीय दस्तावेज के साथ ऑडियो क्लिप भी था। एएसपी से हम पूछेंगे कि क्यों दस्तावेज को वायरल किया गया।
इन अफसरों के खिलाफ भेजी थी रिपोर्ट
एसएसपी वैभव कृष्ण के मुताबिक, उन्होंने एसएसपी (गाजियाबाद) सुधीर कुमार सिंह, एसपी (सुलतानपुर) हिमांशु कुमार, एसएसपी (एसटीएफ) राजीव नारायण मिश्र, एसपी (बांदा) गणेश साहा और एसपी (रामपुर) डॉ. अजय पाल शर्मा के खिलाफ जांच रिपोर्ट भेजी थी। एसएसपी ने साजिश के लिए इन्हीं अफसरों पर आरोप लगाए थे। नोएडा का चार्ज लेते ही वैभव कृष्ण ने अग्निशमन-होमगार्ड विभाग के बड़े अफसरों, पुलिस और पत्रकारों के खिलाफ कार्रवाई की थी। आरोप है कि इसी के बाद उनका विरोध शुरू हो गया था। इसके बाद सोशल मीडिया पर वैभव कृष्ण के तीन कथित आपत्तिजनक विडियो वायरल हुए थे। उन्होंने नोएडा सेक्टर-20 थाने में इसकी रिपोर्ट दर्ज करवाकर आईजी रेंज (मेरठ) से इसकी जांच करवाने की अपील की थी।