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अधिकारी ने अयोध्या, काशी समेत यूपी के 45 जिलों में मांस बिक्री की दी अनुमति, प्रशासन ने दिए जांच के आदेश
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कई स्लाटर हाउस (पशु वधशाला) पर रोक लगाने की चेतावनी जारी की हुई है। इसके बाद भी प्रदेश के आठ स्लाटर हाउस को 45 जिलों में मांस बिक्री की अनुमति दी गई। मांस बिक्री वाले जिलों में धर्म नगरी अयोध्या, मथुरा और काशी शामिल हैं, जबकि इन जिलों में मांस बिक्री न करने के निर्देश दिए गए थे। शासन ने अब मांस बिक्री की अनुमति रद करने और जिम्मेदार पर विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। 22 सितंबर 2023 को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुख्य पर्यावरण अधिकारी वृत्त-3 घनश्याम ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखा था, जिसमें कहा गया था कि आठ स्लाटर हाउस को स्थानीय मांग के अनुसार बिक्री की अनुमति दी जाती है। इन स्लाटर हाउस को बिक्री के लिए लिए जिले आवंटित कर दिए गए हैं।
जिलों में मांस बिक्री के दिए आदेश
आदेश में कहा गया था कि नगर निगम स्लाटर हाउस मोहनपुर थिरिया बरेली को मांस बिक्री के लिए अयोध्या जिला दिया गया है। इसके अलावा श्रावस्ती, लखीमपुर, सीतापुर, संतकबीरनगर, प्रयागराज, बाराबंकी, बलरामपुर, गोंडा, बहराइच, बरेली और मुजफ्फरनगर जिले भी इसके अंडर में आएंगे। संभल की इंडिया फूड्स बेगमपुर को पांच जिले बरेली की रहबर फूड्स इंडिया प्रा.लि. को आठ जिले, बुलंदशहर की मदीना फ्रोजन फूड्स एंड एक्सपोर्ट प्रा.लि. को चार जिले, उन्नाव की माश एग्रो फूड्स को आठ जिले, उन्नाव की ही एओबी एक्सपोर्ट्स इंडस्ट्रियल एरिया को सात जिले और अलीगढ़ की एचएमए एग्रो एंडस्ट्री लिमिटेड को पांच जिलों में ब्रिक्री का लाइसेंस दिया गया है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सचिव को लिखा गया पत्र
वहीं, इससे पहले मुख्य पर्यावरण अधिकारी वृत्त-7 विवेक राय ने 14 अगस्त को चार स्लाटर हाउस हापुड़ के रेबान फूड्स प्राइवेट लिमिटेड, संभल के अलफलाह फ्रोजन, अलरहमान फ्रोजन फूड, गाजियाबाद के अल नासिर एक्सपोर्ट्स की बिक्री पर रोक लगा दी थी। इस आदेश के बाद विवाद खड़ा हो गया था। जिसके बाद संयुक्त सचिव रविशंकर मिश्र ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सचिव को 21 सितंबर को एक पत्र लिखकर आपत्ति जताई थी। कहा गया था कि बोर्ड वैध-अवैध स्लाटर हाउस से मांस बिक्री रोकने का आदेश शासन से अनुमति के बाद ही जारी करेगा।
प्रशासन ने दिए जांच के आदेश
अपर मुख्य सचिव अनीता सिंह ने 5 अक्टूबर को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव को मुख्य पर्यावरण अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया है। उन्होंने लिखे अपने पत्र में कहा है कि मुख्य पर्यावरण अधिकारी घनश्याम ने अपने अधिकारी क्षेत्र से बाहर जाकर स्लाटर हाउस को जिले आवंटित किए हैं, जोकि उनको इसका अधिकार नहीं है।
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