पीलीभीत

प्रवीन तोगड़िया ने लोकसभा चुनाव को लेकर दिया अब बड़ा बयान

Special Coverage News
29 Jan 2019 7:31 AM GMT
प्रवीन तोगड़िया ने लोकसभा चुनाव को लेकर दिया अब बड़ा बयान
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उन्होंने एक माँग पत्र दिखाया जिसके लिए वह लगातार संघर्ष कर रहे है। मांग पत्र के माध्यम से बताया कि वो किसानों को सभी फसलों पर सम्पूर्ण लागत का डेढ़ गुना मूल्य सी-2 के हिसाब पर तुरन्त मिले।

बीसलपुर में आज किसान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व वीएचपी नेता डॉ प्रवीन तोगड़िया ने बीसलपुर के मोहल्ला शिवाजी नगर पहुँच कर मुनेन्द्र पाल गंगवार के निवास पर पहुँच कर प्रधानों व किसानों से मुलाक़ात की और अपने प्रमुख कार्यो के बारे में बताया साथ ही अपने संघर्षरत किसानों के लिए अपनी माँगो के बारे में भी बताया जो की वो किसानों के हित के लिए संघर्ष कर रहे है। इस दौरान जहां वो पूरे समय मंदिर मुद्दे से दूर रहे तो राजनीतिक हलचल पैदा कर देने वाली घोषणा भी कर दी। उन्होंने बताया कि वो उत्तर प्रदेश में सभी लोकसभा सीटो पर चुनाव लडे़गे।

किसान परिषद का यह है मांग पत्र

उन्होंने एक माँग पत्र दिखाया जिसके लिए वह लगातार संघर्ष कर रहे है। मांग पत्र के माध्यम से बताया कि वो किसानों को सभी फसलों पर सम्पूर्ण लागत का डेढ़ गुना मूल्य सी-2 के हिसाब पर तुरन्त मिले। डॉ. स्वामीनाथन कमीशन की सभी सिफारिशें तुरन्त लागू हो और उनका राजनितिक लाभ न लिया जाए। किसानों की सभी कर्जामाफी तुरन्त हो, सिर्फ कागजो में और प्रचार सभाओं में नही, इसके लिए किसानों को डिजिटल में उलझाना बंद करें, सभी सरकारें। विकास के नाम पर अंधाधुंध रीति से किसानों की उपजाऊ जमीनें और गोचर जमीनों को हाथ लगाना तुरंत बंद करें, सभी सरकारे किसानों की जमीनें हड़पकर उन्हें शहरों में और विकास कामों में मजदूर बनानें की नीयत कोई साफ नहीं होती और ऐसा विकास कोई सही नही होता।


किसी भी कृषि साधन, औजार आदि पर जीएसटी ना लगे जैसे (ट्रैक्टर)। खेती में दिन में सम्पूर्ण समय बिजली मिले ताकि किसानों को रात में खेती में काम करने का धोका ना उठाना पड़े। खेतों को पानी अविरल मिले इस का जिम्मा सरकारों पर है और यह होना ही चाहिए। फसल बीमा की रकम किसानों को हर हालत में समय पर और पूर्ण मिले और उसका हफ्ता किसानों से न लिया जाए क्यांकि आज किसानों के पास जीने के भी पैसे नहीं है और किसान कर्ज में डूबा है। खेती में पुरुषो के साथ साथ महिलाएं भी उतनी मेहनत करती है। पुरुष किसानों को जो बीमा लाभ, कर्जा, सब्सिडी या अन्य लाभ मिल रहे हो, वह उनके घरों के किसान महिलाओं को भी मिले। किसान का शरीर खेत में मेहनत कर थक जाता है। साठ वर्ष के किसानों को सरकार पेंशन दे।

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