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- अपने चहेतों की लाशों...
अपने चहेतों की लाशों को यहां लाइए,यहां होता है लाशों का इलाज!
राजेश गुप्ता
पीलीभीत: अगर आपके परिवार में आपके किसी अपने की मृत्यु हो चुकी है तो आप लाश को जलाए नहीं क्योंकि अब आपके जिले में होने लगा है लाशों का इलाज।बस आपकी जेब में पैसा होना चाहिए अगर जेब में पैसा है तो इस अस्पताल में सब कुछ है मुमकिन, जी हां हम बात कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश में जिला पीलीभीत की जहां पर चिकित्सा पद्धति इतना ऊपर उठ चुकी है कि यहां के एक निजी अस्पताल मालिक लाशों का भी इलाज करने लगे हैं ऐसा ही एक ताजा और हृदय विदारक वाक्या प्रकाश में आया है।
जिला पीलीभीत तहसील पूरनपुर की पुलिस चौकी बलरामपुर क्षेत्र के ग्राम सिकरहना निवासी प्रवीण कुमार ने मीडिया को बताया कि मेरे भाई राजू को जब पूरनपुर तथा पीलीभीत शहर के कुछ नामचीन हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने मरा हुआ घोषित कर दिया था मगर अपनी संतुष्टि ना होने पर जब हम शहर में ही स्थित मैकू लाल हॉस्पिटल पहुंचे। तो वहां के डॉक्टरों ने मरीज की सांस चल रही है ऐसा कह कर राजू को अस्पताल में भर्ती कर लिया और इस एवज में तुरंत ही 40000 रुपए जमा करा लिए और ₹60000 की और व्यवस्था करने के लिए कहते हुए मेरे भाई राजू को भर्ती कर वेंटीलेटर पर लिटा दिया गया।
निजी अस्पताल के डॉक्टरों ने ₹60000 फीस के नाम पर और वसूल लिए जब राजू की पत्नी ने अपने पति को देखने के लिए डॉक्टरों से कहा तो है डॉक्टर उस पर नाराज होने लगे तथा मना करने लगे कहा पहले इलाज होने दो मगर राजू की पत्नी के द्वारा जिद करने पर डॉक्टर ने उसको दूर से ही राजू को देखने दिया।राजू की आंखों पर पट्टी होने के कारण पत्नी को शक होने पर डाक्टरों ने कहा कि अपने मरीज को ले जाओ हम इसको रेफर कर रहे हैं और मैकू लाल अस्पताल के डॉक्टरों के द्वारा राजू को रेफर भी कर दिया।जिस पर परिजनों ने राजू का पोस्टमार्टम करवाया पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मैकू लाल अस्पताल में भर्ती होने से पहले राजू की मौत 12 घंटे के ऊपर पाया गया।
मैकू लाल अस्पताल के डॉक्टरों की मानसिकता इतनी गिर गई कि वह लाशों का भी इलाज करने लगा है। राजू की पत्नी के द्वारा सीएमओ से शिकायत करने के बाद भी उस पर उचित कार्यवाही नहीं हुई तो राजु की पत्नी जिला अधिकारी वैभव श्रीवास्तव से जाकर मिली जिस पर उन्होंने शीघ्र ही कार्रवाई करने का सीएमओ को आदेश दिया आदेश पाकर सीएमओ सीमा अग्रवाल ने मीडिया को बताया कि उन्होंने 3 सदस्यीय टीम गठित कर दी है शीघ्र ही जांच कर रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजी जाएगी।
एक सवाल क्या निजी अस्पताल संचालकों कल लालच इतना बढ़ गया है कि वे इस हद तक गिर रहे हैं अब तो सरकार को भी ऐसे लालची अस्पताल संचालकों पर कठोर कार्रवाई करे।