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सुहागरात की रात गायब हुआ दूल्हा‚ तीसरे दिन पेड़ पर लटकी मिली लाश
शादी के बाद सुहागरात को गायब हुए दूल्हे की लाश तीसरे दिन गांव से 2 किमी दूर एक पेड़ से लटकी मिलने से हड़कंप मच गया है। पहली रात को घर से गायब दूल्हे को उसके परिजन दो दिनों से उन्हें खोज रहे थे। किसी ने नही सोचा था कि जिसके सिर पर एक दिन सेहरा सजा था उसकी लाश फांसी के फंदे पर लटकी मिलेगी। पुलिस मौके पर पहुंची तो परिजनों ने हत्या का आरोप लगाकर शव नहीं उतारने दिया।
पीलीभीत जिले के बिलसंडा रामनगर कॉलोनी में रहने वाले परमाल सिंह यादव के छोटे बेटे लोकेन्द्र गांव सिसइया साहब के ग्राम प्रधान थे। नौ दिसम्बर को उनकी शादी शाहजहांपुर जिले के बंडा क्षेत्र के गांव नरेन्द्रपुर के महेन्द्र पाल की बेटी सरला से हुई। दस दिसंबर को प्रधान लोकेन्द्र दुल्हन लेकर घर आ गये। शादी के बाद पहली रात को करीब 11 बजे के करीब उनके पास एक फोन आया जिसको सुनते हुए प्रधान घर से बाहर निकले। जिसके बाद वह सारी रात घर नही आये। परिजनो ने प्रधान को सभी संभावित जगहों पर तलाश किया लेकिन कहीं कोई पता नही चलने पर बड़े भाई जोगेन्द्र ने पुलिस में तहरीर दी।
उनकी तहरीर पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर सीडीआर निकलवाई। सीसीटीवी फुटेज में उन्हें बात करते हुए देखा गया। शनिवार दोपहर तक कुछ पता नहीं चला तो पुलिस ने घर पहुंचकर दुल्हन से भी बात की। शनिवार शाम को घर से करीब दो किमी. की दूरी पर बिहारीपुर गांव में एक खेत से प्रधान की लाश पेड़ से लटकी मिली। शिनाख्त प्रधान लोकिन्द्र के रूप में हुई तो हजारों की तादात में लोग मौके पर उमड़ पड़े। मेहंदी छूटने से पहले ही सरला का सुहाग उजड़ गया था। जहां दो दिन पहले मंगलगीत गाये जा रहे थे वहां पर करुण क्रंदन गूंज रहा था। हर कोई इस घटना के बाद स्तब्ध है। नई नवेली दुल्हन सरला अपनी किस्मत को कोस रही है। जिसे पति का साथ एक दिन को भी नहीं मिला।
चंद घंटे की इस दुल्हन की जिंदगी के बारे में सोचकर हर कोई दुखी था।
जिसके सारे सपने दुल्हन बनने के कुछ घंटों बाद ही टूट गये। मेंहदी छूटने से पहले सुहाग उजड़ गया। मां जिसने बेटे के सिर पर सेहरा बांधा वो पेड़ पर लटकी लाश देख जमीन पर बेहोश पड़ी थीं। प्रधान होने के कारण गांव से भी सैकड़ों लोग मौके पर जमा हो गये।