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राघवेंद्र सिंह हत्या मामले में पूर्व विधायक सौरभ सहित चारों आरोपी बाइज्जत बरी

राघवेंद्र सिंह हत्या मामले में पूर्व विधायक सौरभ सहित चारों आरोपी बाइज्जत बरी
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राकेश पांडेय

प्रतापगढ़ जनपद के अन्तू स्टेशन के पास 13 वर्ष पहले हुई अधिवक्ता राघवेन्द्र सिंह की हत्या के मामले में भोपाल न्यायालय ने पूर्व विधायक बृजेश मिश्र सौरभ सहित 4 लोगों को बाइज्जत बरी कर दिया. मिली जानकारी के अनुसार घटना की शाम 8 बजे अधिवक्ता राघवेन्द्र सिंह अन्तू टाउन एरिया से अपने घर रघई पुर जा रहे थे. सिंह अन्तू रेलवे फाटक के पास ही पहुंचे थे कि कुछ बदमाश उन पर दनादन गोलियां दागने लगे. इस हमले में राघवेन्द्र सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए. उधर से गुजर रहे कुछ राहगीरों ने घटना की जानकारी पुलिस को दी.


सूचना पाते ही पुलिस मौके पर पहुंची और गंभीर रूप से घायल सिंह को प्रतापगढ़ जिला अस्पताल में भर्ती कराया. यहां पर बिगड़ती हालत को देख डाक्टरों ने राघवेंद्र सिंह को इलाहाबाद रेफर कर दिया. लेकिन इलाहाबाद ले जाते समय सिंह ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया. इस मामले में पूर्व विधायक वृजेश मिश्र सौरभ, उनके छोटे भाई महेश मिश्र, चचेरे भाई हरिशंकर एवं सौरभ के चालक गोपीनाथ मिश्र को आरोपी बनाया गया. पुलिस ने घटना की रात में ही महेश मिश्र, हरिशंकर मिश्र एवं गोपी मिश्र को गिरफ्तार कर लिया. 11 माह के बाद तीनों को लखनऊ हाईकोर्ट ने जमानत पर रिहा कर दिया. भोपाल सत्र न्यायालय में चले मुकदमे का निर्णय आज आया. गवाहों के बयान एवं सबूतों को देखते हुए कोर्ट ने पूर्व विधायक वृजेश मिश्र सहित चारों आरोपियों को बाइज्जत बरी कर दिया.


सत्य परेशान हो सकता है,परंतु पराजित नहीं: सौरभ
पूर्व विधायक बृजेश मिश्र "सौरभ" ने कहा कि उन्हें इस हत्याकांड में साजिशन फंसाया गया था. ये बात उस समय मैंने कहा था और आज पूरे तेरह वर्ष बाद माननीय न्यायालय ने उनके 13 वर्ष पूर्व किये गए दावे को सच माना और निर्दोष बताया. हलांकि उन्होंने ये स्वीकार किया कि इस आरोप से उनका बहुत नुकसान हुआ है. फिर भी आज वो खुश हैं कि आज 13 वर्ष बाद सत्य की विजय हुई.

राजनीति का शिकार हुआ परिवार: महेश मिश्र
पूर्व जिला पंचायत सदस्य एवं अधिवक्ता महेश मिश्र ने कहा कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण पूर्व विधायक वृजेश मिश्र सहित चारों लोगों को इस हत्या कांड में फंसाया गया. इस षड्यंत्र के कारण परिवार को भारी नुकसान उठाना पड़ा. मुकदमें के दौरान परिवार को तमाम झंझावातों को झेलना पड़ा. लेकिन अंत में सत्य की विजय हुई.

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