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पीएम मोदी और राजा भैया पहली बार होंगे आमने-सामने!
पीएम नरेंद्र मोदी व राजा भैया पहली बार आमने-सामने हो सकते हैं। सभी की निगाहे राजा भैया पर टिकी हुई है। राजा भैया की सक्रियता से बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ सकता है। बीजेपी पहले ही अखिलेश यादव व मायावती के गठबंधन व प्रियंका वाड्रा के बीच फंसती जा रही है ऐसे में राजा भैया की एंट्री से भगवा दल की कुंडा के क्षत्रिय बाहुबली राजा भैया की पार्टी जनसत्ता पार्टी (लोकतांत्रिक) ने यूपी की 80 सीटों पर चुनाव लडऩे की तैयारी की है।
राजा भैया के प्रत्याशी यूपी की सभी संसदीय सीट पर अपनी ताकत दिखाने की तैयारी में है। राजा भैया तेजी से प्रत्याशियों के चयन में जुटे हुए हैं और प्रतापगढ़ से अपने भाई अक्षय प्रताप सिंह को लोकसभा चुनाव लड़ाया जायेगा। दूसरी तरफ बीजेपी की बात की जाये तो पीएम नरेन्द्र मोदी को फिर से बनारस की संसदीय सीट से चुनाव लड़ाने की तैयारी है। बीजेपी नेता लगातार इस बात का दावा कर रहे हैं कि पीएम नरेन्द्र मोदी किसी भी हाल में बनारस को नहीं छोडऩे वाले हैं। ऐसे में राजा भैया बनारस संसदीय सीट से भी प्रत्याशी उतारेंगे। बनारस सीट से प्रत्याशी उतारते ही राजा भैया व पीएम नरेन्द्र मोदी पहली बार आमने-सामने हो जायेंगे। राजा भैया इस सीट से चुनाव प्रचार करने आयेंगे तो केन्द्र सरकार ही उनके निशाने पर होगी। पीएम नरेन्द्र मोदी व राजा भैया की चुनावी लड़ाई बेहद रोमांचक हो सकती है।
राजा भैया को सवर्ण वोट बैंक का सहारा है। राजा भैया और वोटरों में भी सेंधमारी करने में जुटे हुए हैं लेकिन राजा भैया को सबसे अधिक समर्थन सवर्ण वोटरों से मिल रहा है। बनारस संसदीय सीट पर सवर्ण वोटरों का बड़ा भाग बीजेपी व कांग्रेस में बंट जाता है। बीजेपी ने सवर्ण वोटरों को अपने पास बनाये रखने के लिए सवर्ण आरक्षण लागू किया है। राजा भैया की पार्टी अपना प्रत्याशी बनारस से उतारती है तो बीजेपी के सवर्ण वोटर भी जुड़ सकते हैं ऐसा होने पर बीजेपी को नुकसान हो सकता है। पीएम नरेन्द्र मोदी को घेरने के लिए सपा व बसपा ने हार्दिक पटेल तो राहुल गांधी के प्रियंका गांधी वाड्रा को उतारने की चर्चा है ऐसे में राजा भैया भी अपना प्रत्याशी उतार देते हैं तो बीजेपी की फजीहत बढऩी तय है।
रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के पिता राजा उदय प्रताप सिंह का आरएसएस से जुड़ाव है। इसके चलते राजा भैया के परिवार को लेकर आरएसएस भी नरम रुख अपनाता है। राजा भैया के प्रत्याशी जब चुनाव में उतरेंगे तो आरएसएस से भी कुछ सहयोग मिल सकता है। हिन्दुवादी नेता होने के चलते राजा भैया को हिन्दू वोटरों को जबरदस्त साथ मिलता है। बीजेपी के विरोधी दल राजा भैया को भगवा दल की बी पार्टी बताते आये हैं। यदि राजा भैया ने पीएम नरेन्द्र मोदी के खिलाफ प्रत्याशी नहीं उतारा तो विरोधी दलो की बात सही साबित हो जायेगी। ऐसे में राजा भैया को ८० सीटों पर प्रत्याशी उतराना होगा। राजा भैया व पीएम नरेन्द्र मोदी जब आमने-सामने होंगे तो सियायत में हड़कंप मचना तय है।