- होम
- राष्ट्रीय+
- वीडियो
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- Shopping
- शिक्षा
- स्वास्थ्य
- आजीविका
- विविध+
- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- प्रयागराज
- /
- इलाहाबाद हाईकोर्ट का...
प्रयागराज
इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, बालिग जोड़े को साथ रहने की पूरी स्वतंत्रता, अगर कोई धमकाए तो पुलिस सुरक्षा दे!
Arun Mishra
7 Sept 2023 11:50 AM IST
x
कोर्ट ने कहा, माता पिता सहित किसी को भी उनके शांतिपूर्ण जीवन में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है, भले ही वो अलग जाति या धर्म के हों।
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आज एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि बालिग जोड़े को साथ रहने की स्वतंत्रता है। कोर्ट ने कहा, माता पिता सहित किसी को भी उनके शांतिपूर्ण जीवन में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है, भले ही वो अलग जाति या धर्म के हों। जस्टिस सुरेंद्र सिंह की सिंगल बेंच ने ये आदेश दिया है।
कोर्ट ने कहा, बालिग जोड़े को लिव-इन रिलेशनशिप में रहने पर यदि कोई परेशान करता है या धमकाता है, तो उसके अर्जी देने पर पुलिस कमिश्नर सुरक्षा प्रदान करें। बालिग जोड़े को अपनी पसंद से साथ रहने या शादी करने की पूरी स्वतंत्रता है और उसके इन अधिकारों में हस्तक्षेप अनुच्छेद 19 और 21 का उल्लंघन होगा।
Next Story