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अनुदेशकों के ट्रांसफर पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लगाई सरकार को फटकार, 100 बच्चों की समस्या पर आप क्या आदेश लाए
उत्तर प्रदेश में अनुदेशकों के ट्रांसफर पोस्टिंग पर आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई थी। इस सुनवाई में याची जितेंद्र कुमार ने बताया कि जज महोदय ने प्रदेश सरकार के वकील पर नाराजगी व्यक्त करते हुए काफी सवाल किए और सुनवाई कर रही बेंच सरकार के तर्कों से संतुष्ट नजर नहीं आई।
जितेंद्र कुमार ने बताया कि सुनवाई के दौरान बेंच ने सरकार के वकील से पूँछा कि जब हमने पिछले आदेश में इन्हे राहत देने के लिए कहा था कि जहां 100 बच्चों की समस्या है उन्हे दूर ट्रांसफर न किया जाए तो उस पर आप क्या आदेश लाए हो। सरकारी वकील कोई उत्तर नहीं दे सके तो जज महोदय ने उन्हे फटकार लगाते हुए कहा कि अगर आप अगली तारीख तक यह सब नहीं लाए तो हम अपना निर्णय सुना देंगे।
साथ ही कोर्ट ने बेसिक शिक्षा सचिव और महानिदेशक को कोर्ट में पेश होने के लिए आदेश जारी किया। कोर्ट ने 100 बच्चों की बाध्यता को गंभीरता से लिया है। कोर्ट का मानना है कि इस राज्य में जहां 100 बच्चे नहीं होंगे क्या उन्हे वहाँ अच्छी शिक्षा पाने के अधिकार नहीं है।
एडवोकेट सीमांत सिंह अपने केस के पक्ष को मजबूती से रखा गया जिसे सुनने के उपरांत न्यायाधीश मंजीत शुक्ला द्वारा सरकारी वकील को फटकार लगाते हुए कोर्ट के आदेश की अवहेलना, आदेश को ना मानने के परिपेक्ष में पुन: महा निदेशक स्कूली शिक्षा व बेसिक शिक्षा सचिव को पत्र व अंतिम बार एक और मौका देते हुए जवाब तलब किया है कि अनुदेशकों के मामले में आप ने क्या समाधान किया। जो कोर्ट का आदेश दिनांक 27/06/2023 का था के सापेक्ष में दिनांक 17/08/ 2023 तक जवाब मांगा है और उसी दिन अपने केस की सुनवाई है।
जितेंद्र ने बताया कि अब अगली तारीख पर कोर्ट निर्देश दे देगा।
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