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इविवि कुलपति ने कई विभागों का किया औचक निरीक्षण, अनुपस्थित शिक्षकों को जारी किया कारण बताओ नोटिस
शशांक मिश्रा
आज इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रतन लाल हांगलू एक्शन मूड में दिखे। उन्होंने विश्वविद्यालय में कई विभागों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान अधिकारियों के हाथ-पांव फूले रहे और पूरे विश्वविद्यालय प्रशासन की साँस अटकी रही। सुबह साढ़े नौ बजे कुलपति बिना किसी पूर्व सूचना के अरबी और फारसी विभाग में पहुंच गए। वहाँ वे 9:30 से 9:50 तक रहे। उस दौरान विभाग में एक भी शिक्षक नहीं था । कुलपति ने इस पर गहरी चिंता व्यक्त की और रजिस्ट्रार को आदेश दिया कि वह अध्यापकों की अनुपस्थिति को संज्ञान में लेते हुए सबको कारण बताओ नोटिस जारी करें।
कुलपति कार्यालय को इंजीनियरिंग विभाग से जुड़ी हुई कुछ शिकायतें भी मिली थी। इसको ध्यान में रखते हुए उन्होंने आज 12:00 बजे विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग विभाग की एक आपात बैठक बुलाई। इस मीटिंग में चीफ इंजीनियर के साथ साथ स्टेट मैनेजर, विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार एन के शुक्ला और वित्त अधिकारी सुनीलकांत मिश्र भी थे। मीटिंग में कुलपति ने जोर देकर कहा कि विश्वविद्यालय में जिस भी बिल्डिंग का रखरखाव ठीक से नहीं हो रहा है उसे तत्काल दुरुस्त किया जाए और टूटी हुई चारदीवारी की मरम्मत जल्द से जल्द हो। मीटिंग में इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने यह आरोप भी लगाया कि फाइनेंस विभाग में उनकी फाइल अटक जाती है।
इतना सुनते ही कुलपति तत्काल अपनी कुर्सी से उठे और सब के साथ वित्त विभाग की ओर रुख किया। उन्होंने वित्त विभाग का औचक दौरा किया और कई फाइलों की खुद सघनता से जांच की। उन्होंने वित्त विभाग में तकरीबन सत्तर और अस्सी साल पुरानी फाइलों के गट्ठर को देखा, वहां लकड़ी की दर्जनों अलमारियां बेकार पड़ी थी। कुलपति ने आदेश दिया कि इन सारी बेकाम की चीजों को एफसीआई गोदाम में पहुंचाया जाए।
कुलपति यहीं नहीं रुके। इसके बाद उन्होंने दरभंगा हाउस की ओर रुख कर दिया और वहां से स्कालरशिप सेक्शन में जाकर बच्चों के स्कॉलरशिप फॉर्म की जानकारी ली। कई छात्रों का कहना था कि उनका स्कालरशिप फॉर्म समय पर अपडेट नहीं हो पाता।
इस मौके पर जनसंपर्क अधिकारी इविवि चित्तरंजन कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय में किसी भी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हर शिकायत पर अब तत्काल कार्यवाई होगी।कुछ दिन पहले नैक की मीटिंग में कुलपति कह चुके हैं कि सब चलता है कि मानसिकता अब नहीं चलेगी।