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Anudeshak Mandeya Allahabad High Court Order: अनुदेशकों के मानदेय को लेकर आया ऑर्डर
Anudeshak Mandeya Allahabad High Court Order: उत्तर प्रदेश के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत अनुदेशकों को इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले से उम्मीदों का पिटारा खुला है तो वहीं यूपी सरकार को बड़ा झटका लगा है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के उच्च प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत अनुदेशकों को 17000 मानदेय दिए जाने को लेकर राज्य सरकार की स्पेशल अपील खारिज करते हुए फैसला सुनाते हुए कहा है कि अनुदेशकों को सत्र 2017-2018 के लिए 17000 रुपये मानदेय दिए जाने का आदेश दिया जाता है. जबकि साल 2019 , 2020 , 2021 को लेकर मानदेय दिए जाने पर विचार कर सकती है।
राज्य सरकार की ओर से दाखिल स्पेशल अपील पर चीफ जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस जे जे मुनीर की डिवीजन बेंच ने यह फैसला आज सुनाया है. जस्टिस राजेश चौहान की सिंगल बेंच ने 3 जुलाई 2019 को अनुदेशकों को 17000 रुपए मानदेय देने का आदेश दिया था. सिंगल बेंच के इस फैसले को राज्य सरकार ने स्पेशल अपील दाखिल कर चुनौती दी थी. राज्य सरकार की स्पेशल अपील पर सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने 8 सितंबर 2022 को फैसला रिजर्व कर लिया था. जिस पर आज अपना निर्णय सुना दिया है.
हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा है कि प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड से अनुदेशकों की नियुक्ति एक साल की होती है. इसलिए इन्हें एक साल का ही 17000 मानदेय मिलना चाहिए. हांलाकि कोर्ट ने याचियों को मानदेय घटाने के खिलाफ अलग से याचिका दाखिल करने की छूट दी है. हाईकोर्ट ने अनुदेशकों के मानदेय को लेकर राज्य सरकार को भी आगे निर्णय लेने का निर्देश दिया है.
वहीं अनुदेशकों में इस फैसले का का मिला जुला असर दिख रहा है। कोई इस आदेश से खुश तो कोई परेशान नजर आ रहा है. अभी इस पर कोई भी बात कहना जल्दबाजी होगा जब तक कोर्ट का कोई ऑर्डर रिसीव नहीं हो जाए तब तक. हालांकि इस फैसले के बाद अनुदेशक का पक्ष मजबूत हुआ है और सरकार का पक्ष कमजोर जरूर हुआ है।