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17000 मानदेय की लड़ाई अनुदेशक जीते, कोर्ट ने दिया निर्देश
उत्तर प्रदेश में उच्च प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत अनुदेशक के 17000 रुपये वेतन को लेकर चल रहे केस का आज निर्णय कोर्ट सुना दिया। इस केस के पैरवी पूरी पिछले दिनों हो चुकी है। इस केस में अनुदेशकों की ओर सुप्रीमकोर्ट के वकील एपी सिंह, इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील दुर्गा तिवारी और एस एन सिंह ने अनुदेशकों का पक्ष रखा था।
आज इलाहाबाद हाईकोर्ट के पीठ चीफ जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस जे जे मुनिर आज अपना फैसला सुनाया। खंडपीठ ने कहा कि अनुदेशक साल 2017 से साल 2018 तक 17000 हजार रुपये के विधिवत भुगतान किया जाए और साल 2019 , 2020 , 2021 के लिए सरकार निर्णय ले। अभी विस्तृत ऑर्डर की प्रतीक्षा है जल्द पूरी डिटेल हम आपको देंगे।
इस केस को मई के बाद हाईकोर्ट की इस पीठ ने बड़ी गंभीरता से सुना। सरकार के अधिकारियों पर लेट लतीफी करने पर जुर्माना भी लगाया। उसके बाद लंबी जिरह और बहस हुई। केंद्र सरकार ने अपना रुख साफ कर दिया जबकि राज्य सरकार इस ममले को केंद्र की ओर फेंकती नजर आई।
बड़ी बात यह है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के मुखिया मोदी जी लगातार डबल इंजन की सरकार की बात करते है जबकि अनुदेशक के मुद्दे पर यहज डबल इंजन की सरकार आपस में लड़ती नजर आई। इसके बाद सरकार अपना रुख ते करेगी। अब अनुदेशक के बुरे दिन जरूर अच्छे दिनों में तब्दील हो जाएंगे।