प्रयागराज

कुम्भ की ब्राडिंग के लिए वाहनों एवं दुकानों के गैरजों मे लगेंगे कुम्भ लोगो का स्टीकर

Special Coverage News
11 Nov 2018 3:04 PM GMT
कुम्भ की ब्राडिंग के लिए वाहनों एवं दुकानों के गैरजों मे लगेंगे कुम्भ लोगो का स्टीकर
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शशांक मिश्रा

मण्डलायुक्त डॉ. आशीष कुमार गोयल की अध्यक्षता में मेला कार्यालय कुम्भ कार्यों की समीक्षा बैठक की । जिसमें परेड की लीज, पास सिस्टम, टैफिक प्लान, मेपिंग, थीमेटिक गेट, सेल्फी प्वाइंट, हेरिटेज वॉक, थीम वॉक, धार्मिक वॉक, मेला के दौरान पार्को के झूलो के सम्बन्ध में, बैलून्स, सैंड आर्ट आदि महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करते हुए मण्डलायुक्त ने मेला से जुड़े अधिकारियों को निर्देशित किया। मण्डलायुक्त ने परेड की भूमि के लीज पर चर्चा की तथा उन्होंने परेड़ की भूमि की लीज को 01 अक्टूबर से 30 जून तक करने के निर्देश दिये। जो विगत आयोजित मेलों में ली गये अवधि से अधिक है। उन्होंन मेला क्षेत्र की मेपिंग कराये जाने के कार्यों की प्रगति की जानकारी ली। जिसमें उन्हें अवगत कराया गया कि जीआईएस मैपिंग का डाटा उन्हें शीघ्र उपलब्ध करा दिया जायेगा।

समीक्षा में कुम्भ के दृष्टिगत आने वालो तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों के लिए नये आकर्षक केन्द्र बनाने के कार्यों की विस्तृत चर्चा की गयी। जिसमें प्रमुख रूप से थीमेटिक गेट, सेल्फी प्वाइंट, हैरिटेज वॉक, थीम वॉक, धार्मिक वॉक आदि थे। मण्डलायुक्त ने एक-एक कर सभी वाकों के मार्गों पर कराये जा रहे कार्यों की जानकारी ली। उन्होंने अधिकिरयों को निर्देशित किया कि वाकों के माध्यम से प्रय़ागराज की आध्यामिक एवं ऐतिहासिक स्थलों को चिन्हित करते हुए, प्रशिक्षित गाइडों के माध्यम से इन वाकों पर आने वाले लोगों को इसकी विस्तृत जानकारी देते हुए उनकी जिज्ञासाओँ का भी समाधान किया जाय। कुम्भ के दौरान धार्मिक वॉक के अलावा अलग-अलग विषयों जैसे फूड वॉक, बुकफेयर वॉक, दर्शनीय स्थल वॉक आदि कुम्भ क्षेत्र में आयोजित किये जाने पर चर्चा हुयी। इसी तरह उन्होंने थीमेटिक गेट लगाये जाने वाले कार्यों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि थीमेटिक गेट को भव्य एवं दिव्य बनाते हुए इस आकर्षक लुक प्रदान किया जाय, जिससे कि यहां पर आने वाले दूर देशों के लोगों के यह आकर्षण केन्द्र बिन्दु बन सके। इसी तरह कुम्भ मेला में आने वाले तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों को प्रयागराज कुम्भ की यादों को सजोये रखने हेतु सेल्फी प्वाइंट भी विकसित किये जा रहें है, जहां पर पर्यटक अपनी सेल्फी लेकर मेला की यादों को अपने साथ ले जा सकते हैं। मण्डलायुक्त ने सेल्फी प्वाइंट के विकसित किये जाने के स्थलों पर भी विस्तार से चर्चा की।

मण्डलायुक्त कुम्भ कार्यो की समीक्षा करते हुए मेला क्षेत्र में सुऱक्षा के प्रति गम्भीर दिखे। उन्होंने कहा कि मेला में लगने वाले विभिन्न प्रकार के झूलों को सुरक्षा के मानक पर ही लगाये जाय तथा इस बात का भी विशेष ध्यान दिया जाय कि इन झूलों को आपरेट करने वाले आपरेटर भी दक्ष तथा पूरे मेला अवधि में चुस्त एवं दुरूस्त रहें। उन्होंने कहा कि मेला में लगने वाले झूले उच्च स्तरीय हों, इस बात का भी ध्यान दिया रखा जाय। इसके लिए लगने वालों झूलों का प्रेजेटेंशन कर लिया जाय तब इसकी स्वीकृति प्रदान की जाय। उन्होंने अधिकारियों को कहा कि मेला क्षेत्र में सुरक्षा के सम्बन्ध में किसी प्रकार की ढिलाई किसी भी स्तर पर न बरती जाय।

समीक्षा बैठक में मण्डलायुक्त को अवगत कराया गया कि विभिन्न संस्थाओं से लगभग 4 से 5 हजार वालियंटर्स बन गये है, जो कुम्भ में अपना सहयोग देंगे। इन वालियंर्स का प्रशिक्षण शुरू कर दिया गया है, जिससे इन्हें मेला में क्या कार्य करना है तथा किस प्रकार से अपने दायित्वों का निर्वाहन करना पता रहें। इसी तरह में मेला क्षेत्र में वीडियोग्राफर एवें फोटग्राफर्स का भी प्रशिक्षण कराया जा रहा है। बैलुन्स के माध्यम से विभिन्न मूलभूत सुविधाओं के कार्यालयों को यथा बैंक, थाने, खाद्य आपूर्ति केन्द्र, सेक्टर आफिस, चिकित्सा आदि के साथ शौचालय, सेल्फी प्वाइंट, थीमगेट आदि प्रदर्शित किया जायेगा। जिससे दूर से मेला क्षेत्र में आने वालों लोगों को मूलभूत सुविधाओं से सम्बन्धित कार्यालयव अन्य आकर्षण के केन्द्र दिख सके। इसी तरह में मेला क्षेत्र में सेंड आर्ट के माध्यम से विभिन्न आकर्षक आकृतियां बनायी जायेगी, जो मेला क्षेत्र में आने वाले लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र बिन्दु बनेंगी।

कुम्भ की ब्रांडिग के बारे में चर्चा करते हुए मण्डलायुक्त ने कहा कि सर्विस सेंटर्स, पार्किंग, माल आदि स्थानों पर खड़ी होने वाली गाडियों पर पर कुम्भ का लोगो का स्टीकर लगाया जाय तथा दुकानों के शीशों में भी कुम्भ के स्टीकर लगाकर का कुम्भ का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाय। इसी तरह व्यापार मण्डल के सदस्यों से सम्पर्क कर दुकानों तथा गैरजों में भी गाडियों तथा शौरूम के शीशों पर कुम्भ का लोगो लगाये जाने की रणनीति बनाई गयी। विचार किया गया। कुम्भ मेला से सम्बन्धित जानकारियों के लिए एक सूचना कैलेंडर बनाया जायेगा, जिसमे कुम्भ से सम्बन्धित जानकारी तथा शहर एवं मेला क्षेत्र की सुन्दरता का प्रदर्शन होगा अंकित की जायेगी।

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