- होम
- राष्ट्रीय+
- वीडियो
- राज्य+
- उत्तर प्रदेश
- अम्बेडकर नगर
- अमेठी
- अमरोहा
- औरैया
- बागपत
- बलरामपुर
- बस्ती
- चन्दौली
- गोंडा
- जालौन
- कन्नौज
- ललितपुर
- महराजगंज
- मऊ
- मिर्जापुर
- सन्त कबीर नगर
- शामली
- सिद्धार्थनगर
- सोनभद्र
- उन्नाव
- आगरा
- अलीगढ़
- आजमगढ़
- बांदा
- बहराइच
- बलिया
- बाराबंकी
- बरेली
- भदोही
- बिजनौर
- बदायूं
- बुलंदशहर
- चित्रकूट
- देवरिया
- एटा
- इटावा
- अयोध्या
- फर्रुखाबाद
- फतेहपुर
- फिरोजाबाद
- गाजियाबाद
- गाजीपुर
- गोरखपुर
- हमीरपुर
- हापुड़
- हरदोई
- हाथरस
- जौनपुर
- झांसी
- कानपुर
- कासगंज
- कौशाम्बी
- कुशीनगर
- लखीमपुर खीरी
- लखनऊ
- महोबा
- मैनपुरी
- मथुरा
- मेरठ
- मिर्जापुर
- मुरादाबाद
- मुज्जफरनगर
- नोएडा
- पीलीभीत
- प्रतापगढ़
- प्रयागराज
- रायबरेली
- रामपुर
- सहारनपुर
- संभल
- शाहजहांपुर
- श्रावस्ती
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- वाराणसी
- दिल्ली
- बिहार
- उत्तराखण्ड
- पंजाब
- राजस्थान
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- झारखंड
- गुजरात
- जम्मू कश्मीर
- मणिपुर
- हिमाचल प्रदेश
- तमिलनाडु
- आंध्र प्रदेश
- तेलंगाना
- उडीसा
- अरुणाचल प्रदेश
- छत्तीसगढ़
- चेन्नई
- गोवा
- कर्नाटक
- महाराष्ट्र
- पश्चिम बंगाल
- उत्तर प्रदेश
- Shopping
- शिक्षा
- स्वास्थ्य
- आजीविका
- विविध+
- Home
- /
- राज्य
- /
- उत्तर प्रदेश
- /
- प्रयागराज
- /
- यूपी के पूर्व शिक्षा...
यूपी के पूर्व शिक्षा मंत्री राकेश धर त्रिपाठी को 3 साल की सजा, 10 लाख का जुर्माना भी, जानिए- क्या है पूरा मामला?
यूपी के पूर्व शिक्षा मंत्री राकेश धर त्रिपाठी को तीन साल के कारावास और 10 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनवाई गई है। यह फैसला इलाहाबाद जिला न्यायालय की एमपी-एमएलए कोर्ट ने सुनाया। विशेष अदालत ने 108 पन्नों में पूर्व मंत्री के खिलाफ फैसला दिया।
बता दें कि यूपी के पूर्व शिक्षा मंत्री राकेश धर त्रिपाठी को आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी ठहराया गया था. शुक्रवार को स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट ने फैसला सुनाया. अदालत ने इसके साथ ही पूर्व मंत्री को हिरासत में लेकर जेल भेजने का भी निर्देश दिया है. कोर्ट ने अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद फैसले के लिए 22 दिसंबर की तारीख मुकर्रर की थी.
भ्रष्टाचार के मामले में दोषी करार राकेश धर त्रिपाठी 1 मई 2007 से 31 दिसंबर 2011 के बीच उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री के पद पर रहे थे. उनपर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप लगे थे. इस मामले की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में चल रही थी. कोर्ट ने उन्हें दोषी करार देते हुए सजा के ऐलान के लिए 22 दिसंबर 2023 की तिथि मुकर्रर की थी. संपत्ति को लेकर उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया था, जिसका वह संतोषजनक जवाब नहीं दे सके थे. शुक्रवार को स्पेशल जज (एमपी-एमएलए कोर्ट) डॉक्टर दिनेश चंद्र शुक्ला की अदालत ने राकेश धर त्रिपाठी के खिलाफ सजा सुनाई है.
भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत ठहराए गए दोषी
पूर्व मंत्री राकेश धर त्रिपाठी के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत आरोप तय किया गया था. इंस्पेक्टर रामसुख राम ने राकेश त्रिपाठी के खिलाफ प्रयागराज के मुट्ठीगंज थाने में 23 नवंबर 2012 को मामला दर्ज कराया था. एफआईआर दर्ज होने के बाद विवेचना विजिलेंस को सौंप दी गई थी. विजिलेंस ने विवेचना के बाद चार्जशीट वाराणसी जिला कोर्ट में दाखिल की थी. बाद में यह केस एमपी एमएलए की स्पेशल कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया था.
साल 2007 से 2011 तक रहे थे मंत्री
राकेश धर त्रिपाठी 1 मई 2007 से 31 दिसंबर 2011 के बीच उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री के पद पर रहे थे. इस दौरान आय के समस्त वैध स्रोतों से उन्होंने 49 लाख 49 हजार 928 रुपए अर्जित किया. इस दौरान संपत्ति अर्जन और भरण पोषण पर दो करोड़ 67 लाख रुपए से ज्यादा खर्च किया. उनकी संपत्ति आय की तुलना में 2 करोड़ 17 लाख अधिक पाई गई. इसको लेकर राकेश त्रिपाठी से स्पष्टीकरण भी मांगा गया था, लेकिन वह संतोषजनक जवाब नहीं दे सके थे.