प्रयागराज

एक स्कूल में पानी देने वाला चपरासी और मौजूदा भट्टे का मालिक आखिरकार कैसे बन गया है बार एसोसिएशन का सदस्य

Shiv Kumar Mishra
9 Oct 2020 12:40 PM GMT
एक स्कूल में पानी देने वाला चपरासी और मौजूदा भट्टे का मालिक  आखिरकार कैसे बन गया है बार एसोसिएशन का सदस्य
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प्रयागराज

पूरा मामला प्रयागराज का है जहां पर आपको बताएंगे कि आखिरकार एक ऐसा आदमी जिसने बार एसोसिएशन की सदस्यता तो ले ली, लेकिन हलफनामे में जो दिया वह तस्वीर देखकर आप भी हैरान रह जायेंगेl

बिंदेश्वरी प्रसाद त्रिपाठी जो कि मांधाता प्रतापगढ़ के रहने वाले हैं इस समय मौजूदा यूपी बार एसोसिएशन के सदस्य हैं l

इन्होंने 4 मई दो हजार अट्ठारह बार काउंसिल सचिव के नाम से हलफनामा दिया था जोकि पूर्णतया असत्य ठहराई जा रही है क्योंकि ऐसा नियम है कि जब आप बार काउंसिल की सदस्यता लेते हैं तो आपको हलफनामे में अपनी सारी बातें साफ कर देनी होती है हालांकि जो भी बातें इन्होंने सदस्यता लेते समय हलफनामे में दर्शाई हैं वह बिल्कुल गलत बताई जा रही हैं l अब मामला बिल्कुल तूल पकड़ लिया है और इनके द्वारा दर्शाई गई सभी बातें गलत साबित हो रही हैं हलफनामे में जो बातें बताई गई हैं वह हम आपको बताने जा रहे हैं l

1- यह कि मैं किसी अपराध में दंडित नहीं हुआ हू l

2-यह कि मैं किसी नौकरी व्यापार में कार्यरत नहीं हूं l

3-यह कि मैं किसी नौकरी व्यापार में कार्यरत नहीं था और ना ही इस समय कोई कार्य कर रहा हूं l

4- याची अधिवक्ता के रूप में बार काउंसिल द्वारा पंजीकृत किए जाने के बाद मेरे विरुद्ध किसी आपराधिक वाद या एफ आई आर कायम होता है तो परिवाद के प्रति 3 माह के अंदर रजिस्टर्ड डाक के द्वारा प्रस्तुत कर दूंगा l

5- सन 2002 से 2006 तक तथा 2006 से 2013 तक गैप के संदर्भ में साथ ही साथ यह भी लिखा है कि हलतनामा में यह भी लिखा गया है कि सारी बातें सत्य है और अगर हलफनामा में कुछ भी गलत पाया जाता है तो मेरी सदस्यता रद्द कर दी जाएगी l

6-यह की गौरतलब हो कि बिंदेश्वरी प्रसाद तिवारी दिनांक 4 -01- 2006 को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पानी पिलाने के पद पर श्री केदारनाथ उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खटिया, जसरा प्रयागराज में नियुक्ति हुई है और दिनांक 4- 01-2018 तक कार्य किया है और हर महीने अपने खाते में वेतन लेते रहें और इसके बाद अपना इस्तीफा 04-01-2018 को जिला विद्यालय निरीक्षक को दिया है जिसे अधिकारी के द्वारा 16-05-2019 को स्वीकार किया गया था l

7-यह कि बिंदेश्वरी प्रसाद तिवारी के द्वारा दिया गया हलफनामे में 2002 से 2006 तक और 2006 से 2013 तक गैप के संदर्भ में सारी बातें असत्य पाई गई हैं l

8-मामला यहीं तक सीमित नहीं था बिंदेश्वरी प्रसाद तिवारी दुर्गा इंटरप्राइजेज के प्रोपराइटर होने के साथ-साथ अपने गांव में भट्ठा भी गायत्री उद्योग के नाम से संचालित करते हैं l वे गायत्री ईट उद्योग सराय राजा, कलानी रानीगंज, प्रतापगढ़ के भी प्रोपराइटर हैं lइन दोनों फर्मो से वे करोड़ों रुपए का लेनदेन हुआ है जो बिंदेश्वरी प्रसाद तिवारी के हस्ताक्षर से हुआ है l

इसके बाद आपको बता दें कि बिंदेश्वरी प्रसाद तिवारी तेल टैंकर से साल्वेंट की मिलावट कर, चोरी से बेचने का कार्य भी पेट्रोल टैंकर से साल्वेंट मिलाते हुए खुल्दाबाद थाना क्षेत्र में रंगे हाथ पकड़े गए थे, जिसमें इनके व सहयोगियों के विरुद्ध थाना खुल्दाबाद में 97/2003 धारा 3/7 ई. सी. एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत हुआ था l जिसमें एक कन्हैया लाल गुप्ता अथवा बिंदेश्वरी प्रसाद तिवारी को गिरफ्तार कर नैनी जेल भेजा गया था lलगभग 2 सप्ताह नैनी सेंट्रल जेल में रहने के पश्चात इनकी जमानत भी हुई थी और आपको यह भी बता दें कि इसी दौरान ही इन्होंने अपनी बीए की परीक्षा उत्तीर्ण की थी l

इसी कड़ी में आपको बता दें कि याचीकर्ता मोस्ट रेव्ह जान अगस्टीन ने सिविल लाइन्स थाना प्रयागराज में बिंदेश्वरी प्रसाद त्रिपाठी के नाम से अभियोग पंजीकृत करवाया है जिसमें उन्होंने उक्त बाते अपने अप्लीकेशन में थानाअध्यक्ष को दिया है l

अब बड़ा सवाल यह है कि जब इतने सारे मामले इस बिंदेश्वरी प्रसाद तिवारी के नाम से पहले से ही चल रहे हैं तो आखिर इस ब्यक्ति को इतना बड़ा पद कैसे मिल गया वो भी हलतनामा देकर, ये अपने आप में बड़ा सवाल है, फिलहाल इसकी शिकायत सचिव बार एसोसिएशन और सीएम तक की गयी है क्योंकि जब कानून की रक्षा करने वाले ही कानून के साथ खिलवाड़ करके ऐसा पद ले लेंगे तो बाकि जनता का क्या होगा क्या आम जनता के साथ अन्याय हो पाएगा या नहीं यह भी अपने आप में बड़ा सवाल है फिलहाल इस व्यक्ति के खिलाफ जांच कराकर अगर हलतनामा असत्य और बेबुनियाद पाया जाता है तो इसे कड़ी से कड़ी सजा देकर तुरंत न्याय करना चाहिए, क्योंकि सन्देश साफ है की आप गलत कार्य करके बच नहीं सकते l

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