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सात घण्टे से भी कम समय मे दिल्ली से प्रयागराज पहुंची स्वदेशी सेमी बुलेट ट्रेन 18
शशांक मिश्रा
अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस बिना इंजन वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ड्रीम प्रोजेक्ट कही जाने वाली स्वदेशी ट्रेन टी-18 ट्रेन शनिवार को पहले ट्रायल पर प्रयागराज पहुचीं। ट्रेन को देखने के लिए शहर के लोगों का हुजूम लगा रहा। कुंभ के मद्देनजर बनाए गए नए प्लेटफार्म पर ट्रेन की अगवानी हुई टी-18 एक्सप्रेस सुबह 7:20 पर प्रयागराज पहुंची।यहां से दोपहर 2:42 पर दिल्ली के लिए रवाना हुई। रेलवे के अधिकारियों ने प्रयागराज पहुंची ट्रेन का स्वागत किया।
दरअसल टी -18 ट्रेन को दिल्ली से बनारस के बीच चलाने की तैयारी है। लेकिन इसका पहला ट्रायल नई दिल्ली से प्रयागराज के बीच हुआ। टी -18 एक्सप्रेस को पहले 25 दिसंबर को चलाने की तैयारी थी। लेकिन ट्रेन के ट्रायल ना होने पर इसे टाल दिया गया था। 29 दिसंबर की आधी रात को दिल्ली से रवाना होकर स्वदेशी सेमी हाई स्पीड ट्रेन संगम नगरी पहुंची। सेमी हाई स्पीड ट्रेन 180 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ेगी। हालाकि ट्रायल के दौरान इसे 130 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ़्तार से चलाया गया। दिल्ली से रवाना होकर ट्रेन 2 मिनट के लिए कानपुर स्टेशन पर रुकी । कानपुर से चलकर प्रयागराज के नवनिर्मित प्लेटफार्म नंबर 6 पर रोका गया।
ट्रेन के बारे में सीपीआरओ गौरव कृष्ण बंसल ने बताया कि अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस स्वदेशी ट्रेन पूरी तरह से अपने पहले ट्रायल में सफल रही है। उन्होंने बताया कि ट्रेन में तमाम अत्याधुनिक उपकरण लगे हैं। जिसका ट्रायल भी टेक्नीकल टीम कर रही है। कई टेक्निशियंस दिल्ली से लेकर प्रयागराज तक के सफर में साथ चल रहे हैं। जो पल-पल की रिकॉर्डिंग कर रहे हैं पहली स्वदेशी ट्रेन में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। जिसकी फीड सीधे गार्ड और ट्रेन के ड्राइवर को मिल रही है। उन्होंने बताया की ट्रेन में अलार्म सिस्टम भी लगाया गया है। जिसके जरिए गार्ड, ड्राइवर से पैसेंजर सीधे बात कर सकता है। ट्रेन में स्विमिंग सीट लगाई गई है जो चारो तरफ घूम सकती हैं।
ट्रेन के अंदर बनाए गए टॉयलेट्स ऑटोमेटिक है। जो दिव्यांगों के लिए विशेष तौर से बनाए गए हैं । एक बोगी से दूसरे बोगी में जाने के लिए ऑटोमेटिक दरवाजे लगाए गए हैं।बताया कि ट्रेन में एंट्री करने के लिए पैसेंजर उसको बटन दबाना होगा। जिसके बाद प्लेटफार्म पर ट्रेन के बीच एक स्लाइड ओपन होकर आएगी जिससे पैसेंजर आसानी से ट्रेन पर चढ़ सकता है। स्लाइड के लगाने से सबसे बड़ा फायदा यह है कि कोई भी पैसेंजर प्लेटफार्म से ट्रेन के बीच में नहीं गिर सकता।