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हाईकोर्ट के आदेश पर गरीब हरिजन मजदूरों के आशियाने पर चला प्रशासन का बुलडोजर
नितिन द्विवेदी
प्रयागराज जिले के शंकरगढ़ विकासखंड के कल्याणपुर ग्रामसभा देवख्रिया मजरे में सन 1989 में तहसील प्रशासन द्वारा तालाब के भीटे पर 18 हरिजन मजदूर परिवारों को एक एक बीघा जमीन पट्टा दिया गया था। ये परिवार तीन पुस्तों से यहां रहते चले आ रहे थे। लगभग 35 वर्षो में इन परिवारों का कुनबा बढ़ लगभग 30 परिवार हो गया है। बगल गांव के एक व्यक्ति द्वारा 2 वर्ष पहले हाईकोर्ट में पिटीशन दायर किया था जिससे कोर्ट के आदेश पर आज ये गरीब खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं।प्रशासन द्वारा दूसरे जगह दिए गए एक एक बिस्वा ज़मीन पर अभी आशियना बनने में समय लगेगा।
एक ओर जहां देश के प्रधानमंत्री जी का वादा और सपना है देश के हर गरीबों को 2022 तक पक्का मकान देगें,वही हरिजन गरीबों मजदूरों का आशियाना आशियाना बुलडोजर से धरासाई किया जा रहा है। जी हां हम बात कर रहे है प्रयागराज जिले के शंकरगढ़ विकासखंड के कल्याणपुर ग्रामसभा के देवखरिया मजरे में तालाब के भीटे पर तहसील प्रशासन औऱ ग्राम प्रधान द्वारा 1989 में दिए गए पट्टे की जमीन पर बसे हरिजन मजदूरों के आशियाने को हाईकोर्ट के आदेश पर चंद घण्टों में उजाड़ दिया गया।
अब ये मजदूर प्रशासन द्वारा दिये गए नए पट्टे की जमीन पर खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं। इन गरीबों का कहना है कि मुझे समान हटाने का मौका भी नही मिला हम लोगों का बहुत नुकसान हुआ,हम लोग धीरे धीरे समान हटा रहे थे,लेकिन जेसीबी लगाकर गिराए जाने से दरवाजे खिड़कियां और खपरे टूट गए जो मेरे काम आ सकते थे। जैसा कि मालूम हो ठंठ का महीना शुरू होने से ये मजदूर अपने छोटे छोटे बच्चों को लेकर खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर है। क्योंकि प्रशासन द्वारा दी दिए गए नए पट्टे की जमीन पर अभी घर बनाने में समय लगेगा,क्योकि कोरोना महामारी के कारण ये मजदूर महीनों से बेरोजगार है। इनके पास रोजीरोटी के लाले पड़े तो आशियाना कैसे बना पाएगें।