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बड़ी खबर: इलाहाबाद हाईकोर्ट को मिले 4 नए जज, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने की नियुक्ति
प्रयागराज : उत्तर प्रदेश में कोरोना संकट के बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) से एक बड़ी खबर आई है. इलाहाबाद हाईकोर्ट को चार नए जज मिले हैं. संजय कुमार पचौरी, सुभाष चंद्र शर्मा, सुभाष चंद और सरोज यादव एडीशनल जज बने हैं. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चार अपर न्यायाधीशों की नियुक्ति की है. भारत सरकार के संयुक्त सचिव राजिंदर कश्यप ने इसे लेकर अधिसूचना जारी की है. नए नियुक्त होने वाले न्यायमूर्ति न्यायिक सेवा कैडर के हैं. दो सालों के लिए यह नियुक्ति की गई है. कार्यभार ग्रहण करने के साथ ही इनकी नियुक्ति प्रभावी हो जाएगी.
इलाहाबाद हाईकोर्ट को न्यायिक सेवा के 4 नए एडिशनल जज मिलने के बाद चीफ जस्टिस गोविंद माथुर को छोड़कर कार्यरत जजों की संख्या 100 हो जाएगी. हांलाकि मौजूदा समय में इलाहाबाद हाईकोर्ट की प्रधान पीठ में 68 जज कार्यरत हैं, जबकि लखनऊ खंडपीठ में 28 जज कार्यरत हैं. हालांकि, इलाहाबाद हाईकोर्ट में मुकदमों के बोझ के लिहाज से जजों की संख्या काफी कम है. इलाहाबाद हाईकोर्ट में स्वीकृत जजों की संख्या 160 है. आज तक कभी भी पूरे जज नहीं रहे हैं. अधिकतम 110 जजों का आंकड़ा पहुंचा है. हाल के दिनों में कुछ जजों के रिटायर होने से जजों की संख्या 96 तक पहुंच गई थी.
9 लाख से ज्यादा पेंडिंग केस
इलाहाबाद हाईकोर्ट में नौ लाख से ज्यादा मुकदमे पेंडिंग हैं. लाहाबाद हाईकोर्ट में नियमित रूप से मुकदमों की सुनवाई नहीं हो रही है. हाईकोर्ट में केवल नए मामले सुने जा रहे हैं. पुरानी मामलों की पेंडेंसी बढ़ती जा रही है. 1 जुलाई 2020 तक इलाहाबाद हाईकोर्ट की प्रधान पीठ में 738529 मुकदमे पेंडिंग थे, लखनऊ खंडपीठ में 211127 मुकदमे पेंडिंग थे, कुल मिलाकर 949701 मुकदमों का इलाहाबाद हाईकोर्ट पर भारी भरकम बोझ है, जो कि जजों की कमी के चलते कम नहीं हो पा रहा है. इससे हाई कोर्ट पर मुकदमों का बोझ लगातार बढ़ रहा है. कई बार हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने भी लंबित मुकदमे के जल्द निपटारे के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में जजों की संख्या बढ़ाए जाने की भारत के राष्ट्रपति से मांग की थी.