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प्रियंका गांधी ने यूपी सरकार को लिखा लेटर, कहीं दि जानी चाहिए गारंटी
लखनऊ। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से पत्र के माध्यम किसानों को हो रही समस्यां के बारे में अवगत कराया हैं। उन्होंने पत्र में लिखा कि मिल रही खबरों के अनुसार प्रदेश में तमाम जिलों से मुझे लगातार सूचनाएं आ रही हैं कि गेहूं की खरीद में किसानों को बहुत परेशानियां उठानी पड़ रही हैं। एक अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू हुई लेकिन कोरोना महामारी के चलते क्रय केंद्रों पर ताला लटकता रहा। जैसे ही किसानों का गेहूं क्रय केंद्रों तक पहुंचने लगा उसी समय खरीद को कम करके आधा कर दिया गया।
यूपी में इस साल कुल उत्पादित गेहूं के मात्र 14% हिस्से की सरकारी खरीद हुई है। उन्होंने कहा कि किसानों को कमरतोड़ महंगाई से राहत देने के लिए गेहूं की खरीद बढ़ाई जानी चाहिए और क्रय केंद्रों पर 15 जुलाई तक किसानों के गेहूं खरीद की गारंटी दी जानी चाहिए।
प्रियंका गांधी ने पत्र में लिखा कि
उन्होंने कहा कि पंजाब और हरियाणा जैसे प्रदेशों में गेहूं की खरीद कुल उत्पादन का 80-85 प्रतिशत तक होती है, जबकि उत्तर प्रदेश में 378 लाख मीट्रिक टन उत्पादित गेहूं के मात्र 14 फीसदी हिस्से की सरकारी केंद्रों पर खरीद हुई है। बहुत सारे किसान अपना गेहूं नहीं बेच पाए हैं। अब क्रय केंद्रों पर किसानों के गेहूं खरीद में सरकारी फरमानों के चलते अफसर नानुकूर कर रहे हैं।
प्रियंका ने पत्र में याद दिलाया कि आपने कहा था कि हम अंतिम किसान तक गेहूं खरीद की सुविधा देंगे, लेकिन बहुत सारे गांवों में क्रय केंद्र बंद हो गए हैं और किसानों को दूर मंडियों में जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
प्रियंका गांधी ने कहा कि कोरोना महामारी और महंगाई के चलते किसानों की हालत पहले से खराब है, ऐसे में उनकी फसल की खरीद न हो पाने या औने-पौने दामों में गेहूं बेचने के लिए मजबूर होने जैसी स्थिति किसानों की कमर तोड़ देगी।
प्रियंका गांधी ने योगी को दिए ये सुझाव
- क्रय केंद्रों पर 15 जुलाई तक किसानों के गेहूं खरीद की गारंटी दी जाए।
- प्रत्येक क्रय केंद्र पर खरीद की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए ताकि किसानों को अपना अनाज बेचने के लिए भटकना न पड़े।
- कई जिलों से इस तरह की खबरें आ रही हैं कि एक किसान से एक बार में अधिकतम 30 या 50 कुंतल गेहूं खरीदा जा रहा है। इससे किसान बहुत परेशान है। इस पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाकर किसानों से अधिकतम खरीद की जाए।