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क्या सिंधिया की राह पर रायबरेली की विधायक अदिति सिंह? ट्विटर बायो से INC हटाया
रायबरेली : लगता है उत्तर प्रदेश क सियासत में बढ़ा उलटफेर होने वाला है. यूपी में भी कांग्रेस को बड़ा झटका लगने जा रहा है. यूपी में कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले रायबरेली से ही पार्टी को बड़ा झटका लग सकता है. उत्तर प्रदेश की रायबरेली सदर सीट से विधायक अदिति सिंह अब अलग राह पर चल पड़ी हैं. उन्होंने अपने ट्विटर प्रोफाइल से आईएनसी (INC) हटा दिया है. वहीं, प्रोफाइल बदले जाने के बाद ट्विटर ने भी ब्लू टिक हटा दिया है. इससे पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपना ट्विटर प्रोफाइल और बायो बदला था, जिसके बाद मध्य प्रदेश में बड़ा सियासी उलटफेर हुआ और कमलनाथ सरकार गिर गई थी.
अब कांग्रेस के गढ़ रायबरेली में सदर विधायक ने अपनी अलग राह चुन ली है. यूपी में लॉकडाउन के बीच कई दिनों तक चली 'बस पॉलिटिक्स' पर अदिति सिंह ने अपनी पार्टी के रुख की कड़ी आलोचना की थी. इस पूरे मामले में विधायक अदिति सिंह ने योगी सरकार के रुख का समर्थन किया था.
अदिति सिंह ने ट्वीट कर लिखा था, 'आपदा के वक्त ऐसी निम्न सियासत की क्या जरूरत, एक हजार बसों की सूची भेजी, उसमें भी आधी से ज्यादा बसों का फर्जीवाड़ा, 297 कबाड़ बसें, 98 ऑटो रिक्शा व एबुंलेंस जैसी गाड़ियां, 68 वाहन बिना कागजात के, ये कैसा क्रूर मजाक है, अगर बसें थीं तो राजस्थान, पंजाब, महाराष्ट्र में क्यूं नहीं लगाई.'
आपदा के वक्त ऐसी निम्न सियासत की क्या जरूरत,एक हजार बसों की सूची भेजी, उसमें भी आधी से ज्यादा बसों का फर्जीवाड़ा, 297 कबाड़ बसें, 98 आटो रिक्शा व एबुंलेंस जैसी गाड़ियां, 68 वाहन बिना कागजात के, ये कैसा क्रूर मजाक है, अगर बसें थीं तो राजस्थान,पंजाब, महाराष्ट्र में क्यूं नहीं लगाई।
— Aditi Singh (@AditiSinghRBL) May 20, 2020
बता दें कि अदिति सिंह लंबे समय से कांग्रेस विरोधी गतिविधियों में शामिल रही हैं. पिछले साल पार्टी व्हिप का उल्लंघन करते हुए अदिति विधानसभा के विशेष सत्र में शामिल होने पहुंची थीं. इसके बाद उन्हें पार्टी की तरफ से कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था.
वहीं, कश्मीर से धारा-370 हटाने के मसले पर भी अदिति ने कांग्रेस से अलग अपना पक्ष रखा था. हाल ही में कोरोना वॉरियर्स के लिये पीएम मोदी की अपील पर भी उन्होंने दीये जलाये थे.