रामपुर

पेशी के लिए सीतापुर से रामपुर भेजे गए आजम खान, लेकिन जाते-जाते बोल गये बड़ी बात

Sujeet Kumar Gupta
29 Feb 2020 10:04 AM IST
पेशी के लिए सीतापुर से रामपुर भेजे गए आजम खान, लेकिन जाते-जाते बोल गये बड़ी बात
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फाइल फोटो

अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाण पत्र बनवाने में आरोपी सपा सांसद आजम खां ने बुधवार को पत्नी एवं शहर विधायक तजीन फातिमा और अब्दुल्ला आजम के साथ बुधवार कोर्ट में आत्मसमर्पण किया था।

सपा सांसद आजम खां को शनिवार सुबह पेशी के लिए उत्तर प्रदेश के सीतापुर जेल से रामपुर भेजा गया। यहां उन्हें एडीजे-6 की कोर्ट में पेश किया जाएगा। पेशी के लिए सीतापुर जेल से निकलते वक्त सांसद आजम खां ने कहा कि जेल के भीतर मेरे साथ आतंकवादी जैसा सलूक किया जा रहा है।

इससे पहले शुक्रवार को आजम खां के बड़े बेटे अदीब आजम खान के साथ आई उनकी बहू साजिया उन सबसे मिलने सीतापुर जेल पहुंचे और कारागार प्रशासन पर सवाल खड़े किए हैं। बहू साजिया का आरोप है कि उनके सास और ससुर बीमार हैं। कारागार प्रशासन ने उन्हें बीमारी की हालत में दवाओं का इंतजाम नहीं किया। इतना ही नहीं सांसद आजम खां और उनकी पत्नी को जरूरी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं कराईं। रातभर मच्छरों ने परेशान किया है। उधर, आरोपों को एक सिरे से कारागार प्रशासन ने नकारा है। जेलर डीसी मिश्रा का कहना है कि जेल मैनुअल और प्रोटोकाल का नियमत: पालन कराया जा रहा है।

आपको बता दें अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाण पत्र बनवाने में आरोपी सपा सांसद आजम खां ने बुधवार को पत्नी एवं शहर विधायक तजीन फातिमा और अब्दुल्ला आजम के साथ बुधवार कोर्ट में आत्मसमर्पण किया था। अदालत ने तीनों सपा नेताओं को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया था। अगले दिन ही उन्हें रामपुर जेल से प्रशासनिक व्यवस्था के आधार पर सीतापुर जेल स्थानांतरित किया गया। गुरुवार सुबह रामपुर पुलिस ने तीनों को सीतापुर जेल में दाखिल कराया हैं। सांसद आजम और इनके पुत्र विधायक अब्दुल्ला आजम खान जेल की विशेष सुरक्षा बैरिक में रखे गए हैं। पत्नी विधायक तंजीन फातिमा महिला वार्ड में हैं।

आलियागंज के किसानों की जमीन कब्जाने के आरोप में दर्ज 26 मुकदमों में भी सांसद आजम खां की ओर से कोर्ट में आत्मसमर्पण का प्रार्थना पत्र दिया गया है, जिस पर आज यानि 29 फरवरी को सुनवाई होगी। शासकीय अधिवक्ता अजय तिवारी ने बताया कि सांसद आजम खां ने बुधवार को 17 मामलों में सरेंडर किया था।

उनके खिलाफ जितने भी मामले में दर्ज है उसमें सरेंडर का आवेदन देना होगा। तिवारी ने बताया कि किसानों की जमीन कब्जाने के आरोप में दर्ज मुकदमों में हाईकोर्ट से गिरफ्तारी पर रोक के आदेश थे। सांसद ने दूसरे मामलों में कोर्ट में सरेंडर कर दिया है और वह न्यायिक अभिरक्षा में हैं।

ऐसे में यह आदेश स्वत: समाप्त हो गया। इस वजह से इस मामले में अलग से सरेंडर का प्रार्थनापत्र दिया जाएगा। तिवारी ने बताया कि शनिवार को कई मामलों में पुलिस की रिपोर्ट भी आ सकती है।

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