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सपा सांसद आजम खान को कोर्ट से मिला बड़ा झटका, यूपी सरकार के नाम होगी जौहर विश्वविद्यालय की 70 एकड़ जमीन
रामपुर : समाजवादी पार्टी के सांसद और पूर्व में उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री रहे मोहम्मद आजम खान को शनिवार को एडीएम कोर्ट से बड़ा झटका मिला है. दरअसल एडीएम कोर्ट ने आजम खान के जौहर विश्वविद्यालय की 70.05 हेक्टेयर जमीन उत्तर प्रदेश सरकार के नाम करने का आदेश दिया है. यह जमीन फिलहाल जौहर ट्रस्ट के नाम पर रजिस्टर थी. एडीएम कोर्ट ने कहा कि जौहर यूनिवर्सिटी ने नियमों के खिलाफ जाकर 70 हेक्टेयर जमीन खरीदी थी.
दरअसल विश्वविद्यालय को सिर्फ 12.5 एकड़ जमीन खरीदने की इजाजत थी, उसके बावजूद भी जौहर विश्वविद्यालय के नाम 70 हेक्टेयर से ज्यादा की जमीन खरीदी गई. एडीएम कोर्ट ने जौहर ट्रस्ट को नियमों का पालन न करने का दोषी मानते हुए अपना यह फैसला सुनाया है.
समाजवादी पार्टी सरकार के दौरान ली थी जमीनें
सांसद आजम खान ने समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान जौहर ट्रस्ट के नाम पर सैकड़ों बीघा जमीनें खरीदी थीं. इसके बाद यह मामला एडीएम कोर्ट में चल रहा था. मामले में आजम खान पर आरोप लगे थे कि उन्होंने जमीनों की खरीद-फरोख्त में नियमों का उल्लंघन किया है. बाद में मामले की जांच हुई और इस पर एक केस दायर किया गया. इसके बाद एडीएम जेपी गुप्ता ने शनिवार को बड़ा फैसला देते हुए जौहर ट्रस्ट की 70.5 हेक्टेयर जमीनी उत्तर प्रदेश सरकार के नाम करने का आदेश दिया.
अतिरिक्त जिला सरकारी वकील (ADGC-Civil) अजय तिवारी ने कहा, "ट्रस्ट ने सरकारी आदेश का उल्लंघन किया है, जिसमें उन्हें सिर्फ इस शर्त के आधार पर 12 एकड़ से अधिक जमीन की खरीद की अनुमति दी गई थी कि उन्हें सरकार द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करना होगा. "
इसमें कहा गया था कि ट्रस्ट अनुसूचित जाति/जनजाति श्रेणी के लोगों से संबंधित जमीन को नहीं खरीद सकेगा और न ही इनके द्वारा नदी के किनारे या इसके आसपास के क्षेत्रों व ग्राम समाज भूमि या 'चक' सड़क से संबंधित भूमि को खरीदा जा सकेगा, लेकिन ट्रस्ट ने इन शर्तों के साथ-साथ उत्तर प्रदेश राजस्व अधिनियम की धाराओं का भी उल्लंघन किया है.
ADGC ने आगे कहा, "अदालत ने इससे पहले सीतापुर जेल में बंद ट्रस्ट के अध्यक्ष आजम खान को नोटिस और समन जारी किया था, जिसे उन्होंने स्वीकार करने से इंकार कर दिया."
जनवरी 2020 में प्रयागराज में एक राजस्व बोर्ड की अदालत ने सरकार को रामपुर में 12 दलित किसानों से जबरन खरीदी के लिए लगभग 100 बीघा जमीन के अधिग्रहण का आदेश दिया गया था. राजस्व बोर्ड ने पाया कि खान ने उत्तर प्रदेश जमींदारी उन्मूलन और भूमि सुधार अधिनियम की धज्जियां उड़ा दी थी.
खान 500 एकड़ की जमीन पर फैले मुहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय के कुलपति हैं, जिसे 2006 में स्थापित किया गया था. वह इसे संचालित किए जाने वाले ट्रस्ट के अध्यक्ष भी हैं, जबकि उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और दोनों बेटे ट्रस्ट के सदस्य हैं. आजम की बड़ी बहन ट्रस्ट की कोषाध्यक्ष हैं.