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सहारनपुर में बालिका सुधार गृह में लड़कियों को किया जाता था निर्वस्त्र, वीडियो वायरल होने के बाद चार कर्मचारी बर्खास्त
बालिका गृह प्रकरण के बाद सहारनपुर से लखनऊ तक खलबली मची हुई है। महिला एवं बाल विकास विभाग ने भी इस मामले की रिपोर्ट तलब की है। इसके बाद प्रशासन ने पूरे प्रकरण में अब तक हुई कार्रवाई की रिपोर्ट तैयार कर निदेशक महिला कल्याण को भेज दी है। उधर, सहारनपुर बाल कल्याण समिति भी इस मामले को लेकर गंभीर है और समिति के सदस्यों ने बालिका गृह का निरीक्षण भी किया। एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने बताया कि देर रात बालिका गृह की अधीक्षक पिंकी, प्रबंधक वीपी सिंह को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।
जनता रोड स्थित आवासीय बालिका गृह कई दिनों से सुर्खियों में है। बालिकाओं ने प्रबंधक और अधीक्षिका पर कई गंभीर आरोप लगाए गए थे। इसकी जांच कराई गई थी, जिसके बाद जांच रिपोर्ट के आधार पर जिला प्रबोशन अधिकारी अभिषेक पांडेय की तहरीर पर थाना जनकपुरी में एफआईआर दर्ज की गई थी। यही नहीं, बालिकाओं ने आरोपियों को आवास से हटाने के लिए प्रदर्शन भी किया था। इसके बाद हंगामा खड़ा हो गया था। डीएम ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए प्रबंधक का बालिका गृह में प्रवेश करने पर रोक लगा दी थी। साथ अधीक्षिका समेत पांच को बर्खास्त कर दिया था। इस मामले को लेकर अब शासन भी गंभीर हो गया है। महिला एवं बाल विकास विभाग ने भी प्रशासन से पूरे मामले में रिपोर्ट मांगी है। इसके बाद प्रशाासने पूरे प्रकरण में अब तक हुई कार्रवाई के आधार पर रिपोर्ट तैयार की। यह रिपोर्ट निदेशक महिला कल्याण विभाग को भेजी गई है।
बालिका सुधार गृह प्रकरण में जिलाधिकारी के निर्देश पर जिला प्रोबेशन अधिकारी ने अधीक्षिका ¨पकी समेत चार संविदा कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया, लेकिन बालिकाएं जिस प्रबंधक वीपी सिंह पर गंभीर आरोप लगा रही हैं उसके खिलाफ सिर्फ मुकदमा दर्ज कर इतिश्री कर ली है। इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित वीडियो में बालिकाएं प्रबंधक पर गंभीर आरोप लगा रही हैं। वे कह रही हैं कि प्रबंधक छेड़छाड़ करता था, उन्हें निर्वस्त्र कर प्राइवेट पार्ट में मिर्च तक डाली जाती थी। कई अन्य गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं।
जिला प्रोबेशन अधिकारी अभिषेक पांडेय ने बताया कि 20 मई को वह, एसपी सिटी अभिमन्यु मांगलिक और एसडीएम सदर कीर्तिराज सिंह बालिका सुधार गृह में निरीक्षण पर गए थे। इसी दौरान यहां पर छात्राओं ने आरोप लगाए कि शिक्षिका सही ढंग से नहीं पढ़ातीं। उनके साथ मारपीट करती हैं। रसोइया साफ सफाई नहीं रखता और गंदा खाना देता है।
निरीक्षण के दौरान पाया गया कि चार दिन पहले पांच बच्चियां बेहोश हो गई थीं। प्रबंधक और अधीक्षिका पिंकी द्वारा चुपचाप निजी अस्पताल में भर्ती करा दिया था। उपचार के बाद उन्हें वापस बालिका सुधार गृह लाया गया। शुक्रवार रात इंटरनेट मीडिया पर एक वीडियो प्रसारित हुआ जिसमें बागपत जिले की एक बालिका आरोप लगा रही है कि प्रबंधक अक्सर उसके और अन्य कई बालिकाओं के साथ छेड़छाड़ करता है।
जिला प्रोबेशन अधिकारी ने अधीक्षिका समेत चार संविदा कर्मियों की सेवा समाप्त कर दी
अश्लील शब्द बोलने के साथ ही उन्हें निर्वस्त्र कर प्राइवेट पार्ट में मिर्च तक डालता है। कई अन्य आरोप भी प्रबंधक पर लगाए जा रहे हैं। वीडियो प्रसारित होने के बाद जिला प्रोबेशन अधिकारी अभिषेक पांडेय की तरफ से जनकपुरी थाने में अधीक्षिका पिंकी, प्रबंधक वीपी सिंह, रसोइया मूर्ति देवी, शिक्षिका लक्ष्मी देवी, हेल्पर रवि के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। डीएम डा. दिनेश चंद के आदेश पर जिला प्रोबेशन अधिकारी ने अधीक्षिका समेत चार संविदा कर्मियों की सेवा समाप्त कर दी। अधीक्षिका भी संविदा पर थी। एसएसपी विपिन ताडा ने बताया कि मामले की जांच सीओ रुचि गुप्ता को सौंपी गई है। प्रसारित वीडियो और सीसीटीवी की जांच के बाद मामले में धाराएं व आरोपितों के नाम बढ़ाए जाएंगे।
सहारनपुर में बालिका गृह प्रकरण में अधीक्षक और प्रबंधक हिरासत में
बालिका सुधार गृह में मीडिया के प्रवेश पर पाबंदी है। यदि यहां पर निरीक्षण भी होता है तो अंदर मीडिया को नहीं जाने दिया जाता है। यह मामला 20 मई का है, लेकिन अधिकारी इसे दबाने का प्रयास कर रहे थे। अचानक शुक्रवार को प्रसारित हुए वीडियो से पूरा सच सामने आ गया। हालांकि दैनिक जागरण ऐसे किसी प्रसरित वीडियो की पुष्टि नहीं करता।
बाल कल्याण समिति ने किया दौरा
उधर, बाल कल्याण समिति ने भी पूरे प्रकरण पर सख्त नाराजगी जाहिर की है। रविवार को बाल कल्याण समिति के सदस्यों ने बाल गृह का निरीक्षण किया। समिति के सदस्यों ने बालिकाओं से वार्ता की। साथ ही बालिका गृह में बालिकाओं को मिलने वाली सुविधाओं के बारे में भी जानकारी ली।
नया स्टाफ किया गया तैनात
प्रकरण के बाद डीएम ने बालिका गृह के स्टाफ को भी हटा दिया था। इसके बाद नया स्टाफ तैनात किया गया है। एक कर्मचारी प्रोबेशन कार्यालय से भेजा गया है। जबकि, तीन कर्मचारी वन स्टॉप सेंटर से तैनात किए गए हैं।
जिला प्रोबेशन अधिकारी अभिषेक पांडेय ने बताया कि प्रकरण को लेकर निदेशक महिला कल्याण विभाग द्वारा रिपोर्ट मांगी गई थी। पूरे प्रकरण की जांच और अब तक हुई कार्रवाई की रिपोर्ट निदेशक को भेजी गई है। बाल कल्याण समिति ने भी बालिका गृह का दौरा किया। साथ ही नए स्टॉप की भी तैनाती हुई है।
एसआईटी ने शुरू की तफ्तीश, 32 बालिकाओं के बयान दर्ज हुए
आवासीय बालिका गृह प्रकरण में पुलिस ने भी अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। सीओ बेहट के नेतृत्व में गठित एसआईटी मुकदमे की तफ्तीश में जुट गई है। अभी तक 32 बालिकाओं के बयान दर्ज कर लिए गए हैं। इसके साथ ही कुछ बालिकाओं का मेडिकल परीक्षण भी कराया गया है।
आवासीय बालिका गृह प्रकरण में थाना जनकपुरी में मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसमें बालिका गृह के प्रबंधक समेत पांच को नामजद किया गया था। मुकदमा दर्ज होने के बाद इस मामले की तफ्तीश के लिए एसएसपी ने सीओ बेहट के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया था। तफ्तीश सीओ बेहट को ट्रांसफर होने के बाद उन्होंने तेजी से तफ्तीश शुरू कर दिया है।