In the agricultural country of India, the neglect of the farmers will not be tolerated - Bhagat Singh Verma | कृषि प्रधान देश भारतवर्ष में अन्नदाता किसानों की उपेक्षा बर्दाश्त नहीं की जाएगी- भगत सिंह वर्मा
सहारनपुर

कृषि प्रधान देश भारतवर्ष में अन्नदाता किसानों की उपेक्षा बर्दाश्त नहीं की जाएगी- भगत सिंह वर्मा

Shiv Kumar Mishra
4 Sept 2021 12:58 PM
कृषि प्रधान देश भारतवर्ष में अन्नदाता किसानों की उपेक्षा बर्दाश्त नहीं की जाएगी- भगत सिंह वर्मा
x
भाजपा की योगी सरकार गन्ने का लाभकारी रेट ₹600 कुंटल तत्काल घोषित करें.

देवबंद- आज यहां ग्राम हाशिमपुरा में पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा की बैठक को संबोधित करते हुए पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भगत सिंह वर्मा ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार वे उत्तर प्रदेश की योगी सरकार लगातार अन्नदाता किसानों की घोर उपेक्षा कर रही हैं। अन्नदाता किसानों को उनकी फसलों का लागत मूल्य भी सरकार नहीं दिला रही हैं जिसके कारण देश और प्रदेश के अन्नदाता किसान कर्जबंद होकर आत्महत्या करने को मजबूर हैं। जो दिल्ली व लखनऊ में बैठे हुए भाजपा के बड़े नेताओं के लिए शर्मनाक बात है। कृषि प्रधान देश भारतवर्ष में देश के अन्नदाता किसानों को उनकी फसलों का लाभकारी मूल्य मिलना ही चाहिए लेकिन सरकार किसानों को उनका सही मूल्य देने की बजाय उन पर तीन कृषि काले कानून थोप दिए हैं जिनसे देश के अन्नदाता किसानों की जमीनें छीनी जाएंगी और इसका सीधा असर देश के आम नागरिक पर भी पड़ेगा।

भगत सिंह वर्मा ने कहा कि देश को उन्नतिशील और विकासशील बनाने के लिए देश के अन्नदाता किसानों को उनकी फसलों का लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए हरित क्रांति के जनक महान कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर एम एस स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को तत्काल लागू किया जाए। देश के अन्नदाता किसानों की क्रय शक्ति बढ़ने से ही देश आर्थिक रूप से मजबूत हो सकता है। जिसे भाजपा के सरकार में बैठे हुए नेता समझने को तैयार नहीं है। आजादी के 74 वर्षों में यदि भारतवर्ष के अन्नदाता किसानों को उनकी फसलों का लागत मूल्य भी मिल जाता तो देश के किसानों को 50 लाख करोड़ रुपए अधिक मिलते लेकिन सरकारों की गलत नीति के कारण आज देश के अन्नदाता किसानों पर 21 लाख करोड़ रुपए का कर्ज हो गया है जिसके कारण अन्नदाता किसानों की क्रय शक्ति शून्य हो गई है। भगत सिंह वर्मा ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण ही देश के अन्नदाता किसानों पर कर्ज हुआ है जिसे केंद्र सरकार को लोकसभा में प्रस्ताव पास करके या बजट में व्यवस्था करके माफ करना चाहिए। जब देश के चंद उद्योगपतियों का कर्ज माफ किया जा सकता है तो अन्नदाता किसानों का कर्ज माफ क्यों नहीं किया जा सकता है। भगत सिंह वर्मा ने कहा कि गन्ना देश के अन्नदाता किसानों की मुख्य व नकदी फसल है जबकि गन्ना किसानों की उत्तर प्रदेश सरकार वह केंद्र सरकार भारी उपेक्षा कर रही है।

गन्ने की लागत एक कुंतल गन्ने की पैदावार पर ₹440 आ रही है जबकि पिछले 4 वर्षों से उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने गन्ने का एक रुपए कुंतल भी रेट नहीं बढ़ाया है जो गन्ना किसानों के साथ सरासर अन्याय है। जबकि गन्ने का रेट आसानी से ₹600 कुंटल नकद किया जा सकता है क्योंकि सरकार को गन्ने से सबसे अधिक टैक्स प्राप्त होता है लेकिन सरकार अपना खजाना भर रही है और किसानों को कर्ज बंद बना रही है। भगत सिंह वर्मा ने कहा कि एक कुंतल गन्ने से 12 किलोग्राम चीनी से 14 किलोग्राम चीनी तक चीनी मिलों में बन रही है इसी के साथ साडे 4 किलो ग्राम शीरा बन रहा है 30 किलोग्राम कोई बगास बन रही है साडे 4 किलो ग्राम मैली बन रही है। शीरा नहीं है हीरा है। शीरा से अल्कोहल। अल्कोहल से देसी शराब अंग्रेजी शराब व हजारों उत्पाद तैयार हो रहे हैं। जिनसे सरकारों को हजारों करोड रुपए प्रति वर्ष राजस्व प्राप्त हो रहा है इसके बावजूद भी सरकार गन्ना किसानों को गन्ने का लाभकारी रेट ₹600 कुंटल भी दिलाने को तैयार नहीं है। जो गन्ना किसानों के साथ क्रूर मजाक है।

भगत सिंह वर्मा ने कहा कि इस वर्ष गन्ना किसान गन्ने का लाभकारी रेट ₹600 कुंटल लेकर ही रहेंगे और चीनी मिलों से तत्काल गन्ना भुगतान में ब्याज लेंगे। जिसके लिए कल 5 सितंबर में मुजफ्फरनगर होने वाली रैली मैं किसानों की अन्य समस्याओं के साथ साथ गन्ने का मुद्दा मुख्य रहेगा। भगत सिंह वर्मा ने कल 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर किसान महापंचायत में किसानों से भारी संख्या में पहुंचने का आह्वान किया। बैठक को संबोधित करते हुए पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव रविंदर चौधरी गुर्जर ने कहा कि देश के अन्नदाता किसानों की उपेक्षा करके देश में लंबे समय तक कोई राज नहीं कर सकता है कृषि प्रधान देश भारतवर्ष में किसानों की समस्याओं को भाजपा को प्राथमिकता से हल करना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी जी को इन तीन कृषि काले कानूनों को तत्काल वापस लेकर देश के अन्नदाता किसानों को उनकी फसलों का लाभकारी मूल्य दिलाना चाहिए यही समस्या का एकमात्र हल है। बैठक को पश्चिम प्रदेश मुक्ति मोर्चा के प्रदेश महामंत्री व मंडल उपाध्यक्ष सरदार गुलविंदर सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि आज देश और प्रदेश का गन्ना किसान भारी आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है चीनी मिले समय से गन्ना भुगतान नहीं कर रही हैं और ना ही ब्याज का भुगतान कर रही हैं जिसके लिए भाजपा की प्रदेश और केंद्र सरकार सीधे-सीधे जिम्मेदार है। बैठक की अध्यक्षता मोहम्मद अब्दुल सत्तार प्रधान ने की और संचालन प्रदेश महामंत्री आसिम मलिक ने किया। बैठक में मोहम्मद यूसुफ मोहम्मद इकराम मोहम्मद साजिद मोहम्मद जुबेर सादिक हाजी सुलेमान मोहम्मद वसीम रियासत पहलवान मोहम्मद फारूक हाजी शरीफ आदि ने भाग लिया।

Next Story