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सहारनपुर के नागल में 10 वर्ष पूर्व अधिग्रहित की गई भूमि पर अधिकारीयों ने पुलिस को लेकर किया कब्जा
किसानों के खेतों मकान पर चलता जेसीबी का पंजा
सहारनपुर (नागल): रेलवे प्रोजेक्ट के अधिकारियों समेत शासन प्रशासन के आला अधिकारियों ने भारी पुलिस बल के साथ लाखनोर गांव में पहुंच कर10 वर्ष पूर्व अधिग्रहित की गई भूमि पर कब्जा कर लिया।
शनिवार को रेलवे प्रोजेक्ट मैनेजर सहित शासन प्रशासन अधिकारियों ने भारी पुलिस बल के साथ गांव लाखनोर पहुंचकर रेलवे द्वारा कारीडोर के लिए अधिग्रहित की गई जमीन पर कब्जा कर लिया, इस दौरान उक्त अधिकारियों को कुछ किसानों का विरोध भी झेलना पड़ा।
बताते चलें कि करीब 10 वर्षों पूर्व रेल विभाग ने रेल कॉरिडोर के निर्माण को क्षेत्र के करीब आधा दर्जन गांवों के सैकड़ों किसानों की करीब 400 बीघा जमीन अधिग्रहित की थी, किसानों का आरोप है कि उन्हें विकास प्राधिकरण क्षेत्र में आने वाले गांवों के किसानों, तहसील व देहात क्षेत्र के किसानों से भी कम मुआवजा दिया गया है। जिसके चलते किसान उचित मुआवजे की मांग को लेकर बीते करीब 10 वर्षों से आंदोलित हैं। कई बार प्रशासन ने जमीन का कब्जा लेने का प्रयास किया लेकिन किसानों के भारी विरोध के चलते कब्जा नहीं हो पाया था।
शनिवार सुबह एक बार फिर रेलवे के प्रोजेक्ट मैनेजर कुलदीप कुमार, उप जिलाधिकारी सदर अनिल कुमार व सीओ देवबंद रजनीश कुमार उपाध्याय भारी पुलिस बल के साथ लाखनोर पहुंचे तथा किसानों की खाली पड़ी जमीन पर खड़े पेड़ों को काटना शुरू कर दिया। प्रशासनिक अधिकारियों के आने की सूचना पर ग्रामीण खेतों की ओर दौड़ पड़े, अमित मुखिया व कपिल आदि किसानों ने अधिकारियों से कहा कि अधिग्रहित की गई जमीन से कब्जा न छोड़ने का किसानों का कोई इरादा नहीं है, फसल कटते ही जमीन छोड़ दी जाएगी, लेकिन किसानों को उनकी जमीन का उचित मुआवजा मिलना चाहिए।
जिस पर एसडीएम सदर व प्रोजेक्ट मैनेजर ने कहा कि जो जमीन खाली हो चुकी है फिलहाल उसी जमीन पर ही कब्जा लिया जाएगा तथा फसल कटते ही शेष जमीन भी छोड़नी होगी, उन्होंने कहा कि मुआवजे को लेकर वे किसानों के साथ हैं उनके स्तर से जो भी सम्भव होगा वह जरूर किया जाएगा।
इस दौरान अधिग्रहित जमीन के किनारे रास्ता भी छोड़े जाने का मामला उठाया गया, एसडीएम सदर व रेलवे प्रोजेक्ट मैनेजर ने कहा कि खेतों में आने जाने हेतु रास्ता दिया जाएगा यह मामला रेल प्रशासन में विचाराधीन है। किसानों की उचित मुआवजे की मांग पर उन्होंने कहा कि फिलहाल अधिग्रहित की गई जमीन पर कब्जा लिया जा रहा है जब तक आपको मुआवजा राशि नहीं मिलेगी तब तक इस जमीन पर निर्माण कार्य नहीं होगा।
जिस पर किसानों ने कहा कि प्रशासन यदि अपने वादे से पीछे हटा तो किसान इसका जमकर विरोध करेंगे। किसानों की सहमति के बाद प्रशासन द्वारा लाई गई मशीनों ने खाली पड़ी अधिग्रहित की गई जमीन से पेड़ उखाडने शुरू कर दिए। इस दौरान बिहारीगढ़, फतेहपुर, बडगांव, नानोता थाना पुलिस, पुलिस लाइन आरआरएफ के जवानों सहित अजनीश कुमार, धीर सिंह, सतपाल, सेमपाल, पारथ व सोनू आदि किसान मौजूद रहे।