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मुस्लिम पिता ने बेटी की शादी के कार्ड पर छपवाई राम सीता की तस्वीर, मौलाना बोले इसकी इजाजत नहीं
सहारनपुर के देवबंद इलाके के शाहजहांपुर में एक मुस्लिम परिवार की बेटी की शादी में छपे कार्ड पर भगवान श्री राम व सीता जी का स्वयंवर की तस्वीर छपवाना बहुत महंगा पड़ा. गांव के मुस्लिम व्यक्ति ने कार्ड पर भगवान राम और सीता की फोटो लगवा कर हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल पेश करने की पहल की थी. लेकिन यह बात मुस्लिम धर्मगुरुओं को नागवार गुजरी है.
इस मामले में देवबंदी आलम मदरसा जामिया शेख उल हिंद के मोहतमिम मौलाना मुफ्ती असद कासमी का कहना है कि इस तरह से भगवान राम और सीता की तस्वीर छपवाना इस्लाम में गलत है. शरीयत उन्हें इसकी इजाजत नहीं देती है. मौलाना मुफ्ती असद कासमी ने कहा जिस प्रकार परिवार में शादी के कार्ड पर भगवान श्री राम सीता की तस्वीर छपवाई है वह मुसलमान की शयान -ए-शान नहीं .है कार्ड पर देवी देवताओं की फोटो छपवाना दूसरे धर्मों की बात है. यह हमारे हिंदू भाइयों के भगवान हैं. जिनको भी बड़े आदर और सम्मान के साथ मानते हैं साथ ही हम भी उनका सम्मान करते हैं. लेकिन मुसलमानों का इस्लाम इस चीज की इजाजत नहीं देता है कि वह इस तरीके की कोई भी तस्वीर अपने शादी के कार्ड या किसी अन्य चीज पर छपवायें. इस्लाम इन चीज की इजाजत नहीं देता है जिन साहब ने भी ऐसा काम किया है उन्हें इन चीजों से परहेज करना चाहिए और उन कार्डों को खत्म करके दूसरे कार्ड छपवाने चाहिए.
मालूम हो कि शाहजहांपुर के थाना अल्लाहगंज चिलमुआ गांव के रहने वाले इबादत अली की बेटी रुखसार बानो की 30 अप्रैल को शादी होनी है. इबादत अली ने शादी के कार्डों पर भगवान श्री राम और माता सीता के स्वयंबर का चित्र छपवा दिया है. वो इन कार्डों के जरिए निमंत्रण भी दे चुके हैं. वहीं शादी से पहले यह कार्ड चर्चा का विषय बन गए कुछ ऐसे ही लोग जो इन कार्डों को पब्लिसिटी स्टंट भी करार दे रहे हैं.