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रिकाउंटिंग की माँग को लेकर देवबन्द से सपा प्रत्याशी रही जहीर फातिमा ने दायर की याचिका
देवबन्द: नगर पालिका परिषद देवबन्द के अध्यक्ष पद के वोटों की गिनती में धांधली का आरोप, रिकाउंटिंग के लिए सपा प्रत्याशी जहीर फातिमा ने अदालत में दायर की याचिका, प्रदेश के लोक निर्माण विभाग में राज्यमंत्री कुंवर बृजेश सिंह, पालिकाध्यक्ष नितिन गर्ग जनपद सहारनपुर के डीएम व देवबन्द एसडीएम समेत 27 विपक्षीगण को नोटिस जारी करने के आदेश। नगर निकाय चुनाव में देवबन्द से चेयरमैन पद पर ज़बरदस्ती कराईं गईं भाजपा की जीत को पूर्व विधायक माविया अली की पत्नी सपा की प्रत्याशी जहीर फातिमा ने अदालत में चुनौती दी है।
जिला न्यायालय में याचिका दायर कर मतगणना में धांधली कर भाजपा प्रत्याशी को जिताने का आरोप लगाते हुए रिकाउंटिंग की मांग की गई है नगर में यह चर्चा आम है कि पुलिस प्रशासन पर भारी दबाव था कि मोदी की भाजपा को यह संदेश देना हैं स्तर साल में देवबन्द नगर पालिका परिषद का अध्यक्ष पद भी जीत लिया उसके लिए कुछ भी करो बस पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी लग गए अपने राजनीतिक आंकाओं को खुश करने में और 65 % मुसलमान और 35% हिन्दू वाली सीट भी मोदी की भाजपा को जीता दी पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी शुरू से ऐसा माहौल बनाने में जुटे रहे जिससे मुसलमानों में भय व्याप्त हो जाए किसी हद तक रहा भी लेकिन फिर भी मुसलमानों ने अपना एक तरफ़ा वोटिंग कर ज़हीर फ़ातिमा को इतना वोट दे दिया जिससे वह मोदी की भाजपा के प्रत्याशी नितिन गर्ग को हरा दे।
लोगों का कहना है कि ज़हीर फ़ातिमा को लगभग पच्चीस हज़ार से अधिक वोट दिया गया है लेकिन अगर मुसलमान अपना पूरा वोट भी ज़हीर फ़ातिमा को डाल देते तो भी मोदी की भाजपा के प्रत्याशी नितिन गर्ग की जीत की घोषणा होनी थी क्योंकि राजनीतिक आंकाओं को पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियों को ख़ुश जो करना था और कर भी दिया है।
आला अधिकारियों ने पूरी स्क्रिप्ट लिखी हुई पर काम किया पत्रकारों कवरेज करने के लिए मतगणना स्थल के बाहर रखा गया उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया ताकि वह उनकी करतूतों को अपने कैमरे में क़ैद न कर उजागर न कर दें पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियों का और कर्मचारियों का जो रवैया सामना आ रहा है वह लोकतंत्र के लिए बेहतर नहीं हैं और न ही देश के लिए बेहतर है अगर इसी तरह का लोकतंत्र चाहिए तो फिर चुनाव कराने की ज़रूरत ही नहीं हैं सत्ता धारी पार्टी नियुक्त करने की घोषणा कर दे बात ख़त्म।
नगर में चर्चा आम है कि बेईमानी से जीत कर किस मुँह से कहेंगे कि हम चेयरमैन हैं नैतिकता धिक्कारेंगी की नहीं हम ग़लत है ख़ैर लिखने पर आ जाए तो बहुत कुछ लिखा जा सकता है जो जो हुआ जनता ने सब देखा हैं और देख रही हैं आगे भी देखेगी इन सब धाँधलियों के खिलाफ एक ही रास्ता है और वह हैं अदालत जिसको अपनाया गया है देखते कब तक न्याय हो पाएगा क्योंकि प्रक्रिया लंबी होती हैं इस लिए टाईम लगता है।अदालत ने इस संबंध में यूपी सरकार के लोक निर्माण विभाग में राज्यमंत्री बृजेश सिंह जिनके संरक्षण में यह सब होने का आरोप लग रहा है, बेईमानी से नवनिर्वाचित पालिका अध्यक्ष होने के आरोपी नितिन गर्ग, डीएम व एसडीएम समेत 27 विपक्षीगण को एक सप्ताह के भीतर नोटिस जारी करने के आदेश दिए है। मामले की अगली सुनवाई पांच जुलाई की तिथि नियत की गई है।
न्यायालय जिला जज के यहां दायर याचिका में पूर्व विधायक माविया अली की पत्नी जहीर फातिमा ने कहा है कि हाल ही में हुए नगर निकाय चुनाव में वह देवबन्द में अध्यक्ष पद से सपा की अधिकृत प्रत्याशी थीं। सत्ताधारी दल भाजपा के लोक निर्माण विभाग राज्यमंत्री बृजेश सिंह के दबाव में आकर सरकारी मशीनरी ने चुनाव में धांधली कर उन्हें हराने का काम किया है। पहले मतदान के दिन फर्जी वोटिंग कराई गई। इसके बाद भी जब वह जीतने की स्थिति में नहीं दिखीं तो मतगणना में भारी धांधली की गई। अधिकारियों ने सत्ता पक्ष के दबाव में वोटों की गिनती में बेईमानी कराई। मतगणना के दौरान प्रत्येक बूथ पर वोटों में हेराफेरी की गई। काउंटिंग एजेंटों को बताई जाने वाले मतों की संख्या और आरओ टेबिल पर अधिकारिक तौर पर दर्ज कराए जाने वाले वोटों की संख्या में भारी अंतर बना रहा। यह सब देख उनके मुख्य चुनाव अभिकर्ता ने बार बार मौखिक व लिखित रूप में रिकाउंटिंग कराने की मांग की, लेकिन अधिकारी इसे अनसुना करते रहे। उनके मतपत्रों को भाजपा अध्यक्ष पद के उम्मीदवार के मतपत्रों के बंडल में मिलाते हुए भाजपा प्रत्याशी को जिताने का काम किया गया है। अधिकारियों की धांधली का सबसे बड़ा सबूत यह भी है कि कुल डाले गए वोटों की संख्या और मतगणना होने वाले मतों की संख्या में ही 1430 वोटों का बड़ा अंतर है। याचिका में इन तथ्यों के आधार पर पुन: मतगणना कराने की मांग की गई है।अगर न्यायालय ने समय रहते नगर पालिका परिषद देवबन्द की अध्यक्ष पद पर हुई धांधली की दुबारा गिनती के आदेश दिए सब कुछ साफ़ हो जाएगा किस तरह से हेराफेरी कर अपने राजनीतिक आंकाओं को ख़ुश करने के लिए किस स्तर पर धांधली की गईं हैं ऐसा लोगों का कहना है।