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जेल से निकले तबलीगी जमात के लोग, गेट के बाहर निकलते ही रो पड़े 57 विदेशी नागरिक
सहारनपुर।1 एक महीना क्वॉरेंटाइन तथा लगभग 2 महीने की जेल काटने के बाद तबलीगी जमात के 57 विदेशी नागरिक बाइज्जत रिहा हो गए हैं। जिसके बाद इन सभी ने राहत की सांस ली है और इनकी मदद करने वाले सभी लोगों का उन्होंने शुक्रिया अदा किया है।10 विभिन्न देशों के यह लोग अपनी मातृभाषा में केवल एक ही बात कहते हैं कि जिन लोगों ने उनकी रिहाई से लेकर कानूनी मदद की है इसका बदला खुदा के सिवा कोई नहीं दे सकता इन लोगों ने ट्रांसलेटर की मदद से अपने जज़्बात पेश किए। सऊदी अरब की जमात के अमीर शेख अब्दुल रहमान का संबंध मक्का शरीफ से है और वह वहाँ के निवासी हैं,वह नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के खानदान से हैं।
उन्होंने सहारनपुर के स्थानीय सांसद हाजी फज़लुर्रहमान, सांसद के दामाद औसाफ गुड्डू और वरिष्ठ अधिवक्ता चौधरी जाँ निसार और सांसद की पूरी टीम का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि इन लोगों ने हमारी ऐसे समय में मदद की है जब हम चारों तरफ से घिर गए थे उन्होंने कहा कि अल्लाह के रास्ते में कठिनाइयां और परेशानियां तो आती है लेकिन जो लोग मदद को आगे बढ़ते हैं यह बड़ी बात है। उन्होंने कहा कि मैं बचपन से एक हदीस-ए-मुबारक सुनता आ रहा हूँ जिसमें अल्लाह के रसूल हजरत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम ने तमाम मोमिनीन को जसदे वाहिद फरमाया है, लेकिन इस हदीसे मुबारक की ताबीर सहारनपुर में देखने को मिली जब यहाँ के लोगों ने उनकी मदद की।उन्होंने कहा कि सांसद हाजी फजलुर्रहमान और उनके दामाद औसाफ गुड्डू, वरिष्ठ अधिवक्ता चौधरी जानिसार ने यहाँ फंसे हुए तबलीगी जमात के 57 विदेशी नागरिकों की जो मदद और सेवा की है और बिना किसी लालच के अदालत से रिहा कराया है इसका बदला सिर्फ अल्लाह ही उन्हें दे सकते हैं।
उन्होंने कहा कि मैं हाथ उठाकर दुआ करता हूं की रोजे महशर, क़यामत के दिन इन सभी हजरात को नबी के हाथों जाम ए कौसर नसीब हो आमीन सुम्मा आमीन।जब ट्रांसलेटर ने उनसे पूछा कि भारत के मुसलमानों के लिए आप क्या पैगाम क्या संदेश देना चाहते हैं तो उन्होंने कहा कि जो भी काम करें एकता के साथ करें।उन्होंने कहा कि एकता के साथ अगर काम करेंगे तो कुरान के मुताबिक कामयाबी नसीब होगी।उन्होंने कहा कि जरूरतमंदों की मदद नेक दिल के साथ करें और दुनिया से किसी बदले की उम्मीद न रखें उन्होंने कहा कि दिखावे से बचना बेहद जरूरी है लेकिन जो लोग महज दिखावे के लिए मानवता की सेवा करते हैं उनका अल्लाह के यहाँ कोई हिस्सा नहीं है।किर्गिस्तान की जमात के अमीर उरकुन बेक ने कहा कि उनके देश की एंबेसी ने उनकी कोई मदद नहीं की जबकि दूसरी तरफ सांसद हाजी फजलुर्रहमान, औसाफ़ गुड्डू ने शुरू से आखिर तक उनकी मदद की है।
उन्होंने बतलाया कि तीन महीने के बाद आज हम लोग खुली हवा में सांस ले रहे हैं उन्होंने कहा कि वह अपने पूरे देश की तरफ से सहारनपुर के स्थानीय सांसद हाजी फजलुर्रहमान का शुक्रिया अदा करते हैं।उन्होंने बताया कि कईं बार तो औसाफ गुड्डू दिन में तीन से चार बार तक जेल में हम से मिलने आते थे।सूडानी जमात के अमीर अबू जैद अली, मलेशिया की जमात के अमीर मोहम्मद हकीम, शाम की जमात के अमीर मोहम्मद मुस्तफा, यरूशलम (इज़राइल) की जमात के अमीर मनसूर इस्लाम ने भी इन्हीं जज्बात को बताया और कहा कि हमें ऐसा लगता है कि अगर इन लोगों ने हमारी मदद न की होती तो मालूम नहीं हमारा क्या बनता।उन्होंने कहा कि स्थानीय सांसद हाजी फजलुर्रहमान ने हमारे देश की एंबेसी से ज्यादा हमारा ख्याल रखा और हमें अपने घरों से दूर होने की कमी महसूस नहीं होने दी।