शामली

ग्राम प्रधान ने कैमरे के सामने कुछ बोलने से किया साफ इंकार, जानिये क्यों?

Shiv Kumar Mishra
28 Oct 2020 3:22 PM GMT
ग्राम प्रधान ने कैमरे के सामने कुछ बोलने से किया साफ इंकार, जानिये क्यों?
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पूरा होने वाला है ग्राम प्रधान का कार्यकाल,फिर भी गांव बदहाल, सरकार के स्वच्छ भारत अभियान को पलीता लगा रहे गांव में जगह जगह लगे गंदगी के अंबार

शामली: जहा देश के प्रधानमंत्री स्वच्छ भारत अभियान चला रहे हैं।जिसके चलते अक्सर वो स्वयं भी कई बार साफ सफाई करते हुए देखे जा चुके है। लेकिन भारत सरकार के स्वच्छ भारत अभियान को शामली ब्लॉक के गांव खेड़ी करमू के ग्राम प्रधान द्वारा साफ तौर पर पलीता लगाया जा रहा है ।जहा गांव की गलियों में जगह जगह गंदगी के अंबार लगे है। वहीं गांव में बना एक सरकारी स्वास्थ केंद्र भी बदहाली के चलते खंडर में तब्दील हो चुका है। विकास के नाम पर गांव में केवल खानापूर्ति ही की गई है।वहीं गांव के प्रधान ने अपने कारनामों के चलते कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से साफ इंकार कर दिया है।

आपको बता दे की कुछ माह पूर्व ग्राम पंचायत के चुनाव आने वाले है और मौजूदा प्रधानों का 5 वर्ष का कार्यकाल भी लगभग पूरा हो चुका है। लेकिन अभी भी बहुत से गांव बदहाली का शिकार है। कुछ ऐसा ही हाल शामली ब्लॉक के गांव खेड़ी करमू का भी है। जहा विकास के नाम पर तो खाना पूर्ति की ही गई है। साथ ही गांव में जगह जगह घरों के पास में गंदगियों के अंबार लगे है।जिसके चलते भारत सरकार के स्वच्छ भारत अभियान की भी धज्जियां उड़ती नजर आ रही है।

जब इस मामले में ग्रामीणों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि गांव में विकास के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गई है।उन्होंने बताया कि गांव में जगह जगह गंदगी और कूड़ा करकट पड़ा होने की वजह से उन्हें बीमारियों का खतरा भी लगा रहता है और यह हाल जब है जब देश विश्वव्यापी महामारी के दौर से गुजर रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में बदहाली के चलते एक स्वास्थ उपकेंद्र भी खंडर में तब्दील हो चुका है और उसने अक्सर नशेड़ियों का जमावड़ा लगा रहता है। जिसके चलते ग्रामीण अपनी बहन बेटियो को असुरक्षित भी महसूस करते है।

ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम प्रधान कि अनदेखी के चलते अधिकांश घरों में पानी की टंकी की व्यवस्था नहीं है। जिसके कारण उन्हें गलियों में लगे सरकारी नलो से पानी भरना पड़ता है।वहीं एक ग्रामीण विधवा महिला ने बताया की उसके पति को मरे हुए करीब 12 साल हो चुके है। लेकिन आज तक उसकी विधवा पेंशन नहीं बनी है। जबकि वह कई बार ग्राम प्रधान भरतवीर को अपनी समस्या से भी अवगत करा चुकी है।

वहीं अगर गांव में अगर विकास की बात की जाए तो विकास के नाम पर सिर्फ खाना पूर्ति की गई है।अपने इन सब कारनामों के बारे में जब ग्राम प्रधान से बात करनी चाही तो उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से साफ इंकार कर दिया जो की उनकी कार्यशैली पर प्रश्नचिह्न लगाता है।

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