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विजिलेंस के जाल में फसी एबीएसए, हजारों की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार
शामली पहुंची मेरठ विजिलेंस टीम ने मंडल शिक्षा अधिकारी राजलक्ष्मी पांडे को 50,000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। एबीएसए ने यह रिश्वत प्राइमरी स्कूल में वितरित होने वाली ड्रेस पर मांगी थी। वही मेरठ विजिलेंस टीम को एबीएसए की शिकायत सतपाल नाम के ठेकेदार ने की थी जो स्कूलों की ड्रेस बनाकर वितरण का कार्य करता है। वही बीएसए द्वारा 3000 बच्चो की ड्रेस पर 100 रुपये प्रति बच्चे के हिसाब से अपना कमीशन मांगा था। जिसके बाद विजिलेंस टीम ने सतपाल को 50,000 रुपये देकर एबीएसए के पास भेजा था। वही विजिलेंस टीम ने काका नगर स्थित एबीएसए को उसके ही मकान से रंगों हाथों गिरफ्तार कर लिया है। और आगे की कानूनी कार्रवाई में जुट गई है।
आपको बता दे कि बीजेपी सरकार में भृष्टाचार रुकने का नाम नही ले रहा है। जहाँ आज शामली में एबीएसए राज लक्ष्मी पांडे को मेरठ विजिलेंस टीम ने 50,000 रुपये की रिश्वत लेते रंगों हाथों गिरफ्तार किया है। जब शिक्षा के क्षेत्र में बच्चों को शिक्षा देने वाले अधिकारी ही ऐसी हरकतें करने लगे तो फिर आम जनता से क्या उम्मीद रखी जा सकती है। वही जिस महिला एबीएसए को मेरठ विजिलेंस टीम ने गिरफ्तार किया है व कैराना क्षेत्र में तैनात है। वही एबीएसए ने प्राइमरी स्कूल में बच्चों की ड्रेस बनाने वाले ठेकेदार से 3 लाख रुपये की रिश्वत मांगे थी। क्योंकि ठेकेदार ने प्राइमरी स्कूल के 3000 बच्चों की ड्रेस बनाई थी। जिसमें absa ने 3000 बच्चों पर अपना कमीशन सो रुपए प्रति बच्चे के हिसाब से मांगा था।
वही ठेकेदार ने इस मामले की शिकायत मेरठ विजिलेंस टीम से की थी। जहाँ आज मेरठ से शामली पहुँची विजिलेंस टीम ने शिकायतकर्ता के साथ मिलकर एबीएसए को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। विजिलेंस टीम ने ठेकेदार को ₹50000 के नोटो पर पाउडर लगा कर दिए थे जो रिश्वत के तौर पर एबीएसए को देने के लिए कहा गया था। वही रिश्वत देने के लिए ठेकेदार लगातार एबीएसए के संपर्क में था। वही लगातार संपर्क में रहें के बाद खण्ड शिक्षा अधिकारी राज लक्ष्मी पांडे ने सतपाल ठेकेदार को काकानगर स्थित अपने आवास पर बुलाया। जहां पर उन्होंने सतपाल नाम के ठेकेदार से 50 आजा रुपये की रिश्वत ली है।
वही रिश्वत लेने के बाद मेरठ से पहुंची विजिलेंस टीम ने एबीएसए राज लक्ष्मी पांडे को उनके ही आवास से गिरफ्तार करते हुए सदर कोतवाली ले आयी है। जहाँ पर एबीएसए पर भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा-7 में मुकदमा पंजीकृत कर आगे की वैधानिक कार्यवाही की जा रही है। सतपाल नाम के ठेकेदार का कहना है कि absa राजलक्ष्मी ने बच्चों की ड्रेस बनाने के बाद उनके वितरण में मुझसे सो रुपए प्रति बच्चे के हिसाब से कमीशन मांग था। जिसमें absa ने मुझसे 300000 रुपए का कमीशन मांगा था। जिसकी शिकायत मैने मेरठ विजिलेंस टीम से की थी। जिसके बाद मेरठ से पहुँची विजिलेंस टीम ने मुझे 50,000 के नोटों पर पावडर लगा कर दिया।
वही absa ने रिश्वत के 50,000 अपने आवास पर लिए है। जिसमें मेरे साथ मेरठ की विजिलेंस टीम भी शामिल थी। वही टीम ने absa को 50,000 रुपये की रिश्वत के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। वही इस खण्ड शिक्षा अधिकारी पर भृष्टाचार के कई आरोप पहले भी लगे हुए है जिनकी जांच कैराना sdm द्वारा की जा रही है। क्योंकि खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा अन्य तीन ठेकेदारों से भी ऐसे ही रिश्वत मांगी गई है।