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नशे की लत और नशे के सौदागरों के ख़िलाफ़ गाँव-गाँव जाकर शामली एसपी अजय कुमार ने फूँका बिगुल, अपराध जगत् में मची खलबली
थाना कैराना क्षेत्र का भूरा गाँव नशे की लत और अपराध की चपेट में रहने के कारण चर्चे में रहा है। कई लोगों ने एसपी को सावधान किया था कि उस गाँव में तो जाने भी लायक़ नहीं है; पर धुन के पक्के आईपीएस अजय कुमार पाण्डेय कहाँ मानने वाले थे। उन्होंने जो किया और कहा वह बेहद चौंकाने वाला है।
एसपी अजय कुमार ने कहा कि ग़रीबी, जहालत और बेरोज़गारी ये तीन ख़तरनाक कीड़े हैं और आपस में एक दूसरे को मज़बूत भी करते हैं; इनका विनाश करना बेहद ज़रूरी है। जब तक ये कीड़े मौजूद हैं तब तक नशाख़ोरी व अपराध को रोक पाना बेहद मुश्किल है; तब भी हमें अपने छोटे-बड़े प्रयास कभी बन्द नहीं करने चाहिए अन्यथा मौजूदा समस्याएँ बद से बदतर होती चली जाएँगी। मैं भूरा गाँव ज़रूर जाऊँगा और अपराध नियन्त्रण के साथ-साथ सबको प्रशिक्षित और संवेदित भी करूँगा, और यह कार्य मैं तब तक निरन्तर करूँगा जब तक एक ठीक-ठाक मुक़ाम हासिल न हो जाए।
20,000 से ऊपर की आबादी वाले इस बड़े गाँव में शामली कप्तान के आगमन पर काफ़ी लोग एकत्रित हुए। भूरा ग्राम-वासियों ने कप्तान अजय कुमार की सभी बातें बड़े ग़ौर से सुनी; सहयोग का वायदा किया, और तदुपरान्त एसपी ने सभी को अपना पर्सनल नम्बर तक नोट कराया ताकि उन्हें गाँव की गोपनीय सूचनाएँ सीधे मिल सकें।
यही नहीं, ग्राम वासियों द्वारा एसपी को सम्मानित करने के लिए लाई गई 9 पुष्पमालाओं को उन्होंने स्वयं अपने हाथ से उठाकर छोटी-छोटी उम्र के 9 बच्चों को पहना दी, और कहा कि "ये बच्चे इस गाँव के होनहार हैं, भविष्य हैं, मैं इन्हें फूलमालाएँ पहना रहा हूँ, और इस बात को ये जीवन भर याद रखेंगे और कभी भी नशे की लत में नहीं पड़ेंगे ऐसा मेरा विश्वास है। साथ ही, ये जब अपने घरों को लौटेंगे तो मेरा यह संदेश कम से कम नौ घरों में तो ज़रूर पहुँचेगा, जिसका लाभ बहुत से अन्य लोगों को भी मिलेगा।" एसपी के इस क़दम से वहाँ पर मौजूद कई लोग भावुक हो उठे, तो वहीं दूसरी तरफ़ बच्चों के चेहरे की ख़ुशी और कप्तान की सकारात्मक सोच और अच्छी नीयत का हर कोई मुरीद हो उठा। पुलिस प्रशासन ज़िन्दाबाद के नारों से पूरा गाँव गूँज उठा।
बता दें कि शामली ज़िले में महज़ दो माह में ही 2011 बैच के तेज़ तर्रार आईपीएस अजय कुमार ने जहाँ एक तरफ़ रिकॉर्ड 560 अपराधियों को दबोच कर सलाखों के पीछे भेजा है; वहीं दूसरी तरफ़ स्कूल गोद लेकर, नशे के ख़िलाफ़ अभियान चलाकर तथा मेहनत, ईमानदारी व मानवीय संवेदना के साथ जन-सुनवाई व महिला सशक्तीकरण का बेहद नेक कार्य करते हुए अपनी एक मज़बूत छबि बनाई है; जिसकी तारीफ़ आज हर कोई कर रहा है।