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- शामली: विद्युत...
शामली। विद्युत विभाग के कर्मचारियों तथा अधिकारियों ने वेतन से कटौती कर जीपीएफ तथा सीपीएफ ट्रस्ट में जमा की गई धनराशि के विरोध में शामली कलक्ट्रेट में हंगामा व प्रदर्शन करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन डीएम शामली को सौंपा। जिसमें उन्होने 15 दिनों में समस्या का समाधान न होने पर कार्य बहिष्कार कर आन्दोलन करने की चेतावनी दी है। गुरूवार को विद्युत विभाग के दर्जनों कर्मचारियों तथा अधिकारियों ने शामली कलक्ट्रेट में जमकर हंगामा व प्रदर्शन किया।
उन्होने बताया कि कर्मचारियों तथा अधिकारियों के वेतन से माहवान कटौती करके जीपीएफ व सीपीएफ ट्रस्ट में जमा कराई गई धनराशि को विभाग ट्रस्ट द्वारा डिफालटर कंपनी मैसर्स डीएचएफएल व अन्य में निवेश किए जाने के विषय में चर्चा की गई। शोशल मीडिया के द्वारा संज्ञान में आया है कि कर्मचारियों का पैसा लगभग 4123 करोड रूपये डिफाल्टर कंपनियों में निवेश किए जाने के कारण कर्मचारियों की संचित निधि डूबने के आसार उत्पन्न हो गए है। जिससे सभी कर्मचारियों के मन में अपने सेवानिवृत्ति एवं सेवानिवृत्ति तक लाभों को लेकर भारी असंतोष की स्थिति उत्पन्न हो गई। सरकार द्वारा पुरानी पेंशन योजना को समाप्त कर पहले ही नई पेंशन योजना लागू की गई है।
जिसमें कर्मचारियो को मिलने वाली पेंशन धनराशि की कोई भी न्यूनतम सीमा तय नही है। यह बाजार पर आधारित है। डिफालटर कंपनी में निवेश किए जाने तथा धनराशि डूबने की स्थिति में कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के उपरांत उन्हे नई पेंशन योजना के अन्तर्गत इस प्रकार की पेंशन धनराशि प्राप्त होगी। कर्मचारी अपने मन में कार्य करने में असहज सा महसूस कर रहा है। उन्होने चेतावनी दी कि यदि कर्मचारियों के वेतन से काटी गई धनराशि जीपीएफ व सीपीएफ के भुगतान की गारंटी 15 दिन के अंदर सरकार की ओर से नही दी जाती है तो उस स्थिति में सभी कर्मचारी पूर्ण रूप से सभी कार्य बहिष्कार करने के लिए बाध्य होगे। जिसमें बाध्य होने वाली विद्युत आपूर्ति एवं औद्योगिक अशांति की समस्त जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।