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अंतिम संस्कार करने के लिए जद्दोजहद- श्मशान घाट तक जाने का नहीं है रास्ता
शामली : दरअसल आपको बता दे कि शामली जनपद के थानाभवन-मुस्लिम बाहुल्य गांव में हिंदू समाज के अनुसूचित जाति के व्यक्ति की बीमारी से मौत होने के बाद अंतिम संस्कार के लिए जद्दोजहद करने की लोगों की तस्वीरें एवं वीडियो एक बार फिर वायरल हो रही हैं। जबकि ग्रामीण कई बार समस्या को लेकर जनप्रतिनिधियों से लेकर उच्च अधिकारियों तक गुहार लगा चुके हैं, लेकिन समस्या का समाधान ना होने से लोग सिर पर गठरी बांध कर लकड़ी एवं ईंधन पहुंचाते दिखाई दे रहे हैं। वही बा मुश्किल शव श्मशान घाट तक पहुंचा तब जाकर अंतिम संस्कार हुआ।
शामली जनपद के थानाभवन ब्लॉक के गांव भैसानी इस्लामपुर में रामदिया पुत्र सुरजा उम्र 60 वर्ष हिंदू समाज की अनुसूचित जाति का व्यक्ति है। पिछले कुछ समय से वह बीमार चल रहा था। जिसकी शनिवार शाम मृत्यु हो गई। मृत्यु होने के बाद गांव वालों को रामदिया का अंतिम संस्कार करना था। जिसके लिए गांव वालों को एक बड़ी परेशानी से दो चार होना था। गांव वाले जैसे तैसे करके राम दिया का शव लेकर एवं शव का अंतिम संस्कार करने के लिए ईंधन लेकर श्मशान घाट के पास तक पहुंचे पर श्मशान घाट से करीब 70 मीटर पहले ही रास्ता खत्म हो जाता है।
जिसके कारण श्मशान घाट तक पहुंचना मुश्किल काम है। ग्रामीण करण ने बताया कि पिछले काफी वर्षों से गांव के श्मशान घाट में ना तो कोई छत की व्यवस्था है और ना ही यहां तक जाने के लिए रास्ते की व्यवस्था है। लोगों को अंतिम संस्कार करने के लिए एक बड़ी मुसीबत का सामना करना पड़ता है। जैसे तैसे कर रास्ता बीजेपी जिला पंचायत सदस्य डॉ नीरज मेनपाल सैनी से पास करवाया था। रास्ता बन रहा था कि श्मशान घाट से 70 मीटर पहले एक खेत वाले ने रास्ते पर रोक लगा दी और आगे का रास्ता कागजों में ना होना बताया गया है। जिससे रास्ते का निर्माण अधूरा पड़ा है।
आज गांव में राम दिया की मौत हो गई थी। शव को लेकर ग्रामीण बड़ी मुश्किल धान लगे खेत से एक बारीक पगडंडी से होकर गुजरते दिखाई दे रहे हैं। वही शव के अंतिम संस्कार करने के लिए बड़ी मुश्किल से लोगों ने अपने सिर पर ईंधन की गठरी बांध कर इंधन को अंत्येष्टि स्थल तक पहुंचाया। जिसके बाद रामदिया का अंतिम संस्कार किया जा सका। परेशानी के कारण लोगों ने हाथ उठाकर विरोध प्रदर्शन करते हुए समस्या के समाधान की मांग की है।
ग्रामीणों के अनुसार गांव में 11000 से ज्यादा लोग मतदाता हैं जिनमें से मात्र 400 मतदाता ही लगभग हिंदू समाज के मतदाता हैं। यह गांव मुस्लिम बाहुल्य गांव हैं लेकिन ग्राम पंचायत ने आज तक अंत्येष्टि स्थल की ओर जरा सा भी ध्यान नहीं दिया ना तो छत की व्यवस्था कराई और ना ही यहां पर रास्ते की व्यवस्था है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों तक मामले की शिकायत कर ली है, लेकिन कोई समाधान नहीं होता वीडियो एवं तस्वीरें इससे पहले भी इंटरनेट मीडिया और समाचारों में न्यूज़ चैनल में सुर्खिया बन चुकी हैं। लेकिन किसी भी जिम्मेदार हुक्मरान ने समस्या के समाधान कराने को मुनासिब नहीं समझा।
अमित राठी की रिपोर्ट