शामली

खनन माफिया की 'भूख' मिटाने में लगी यमुना का 'अस्तित्व'

Shiv Kumar Mishra
27 Oct 2020 4:15 PM GMT
खनन माफिया की भूख मिटाने में लगी यमुना का अस्तित्व
x
मामौर में पॉर्कलेन मशीन व अन्य साजो-सामान से मोडी यमुना की धार, हरियाणा से निकाला रास्ता

शामली: बरसात में तीन महीने के लिए खदान बंद रहा, तो खनन माफियाओं की भूख बढ़ गई। अब खदान की अनुमति जरूर मिली है, परन्तु माफियाओं ने तमाम नियम-कायदों को ठेंगे पर रख दिया है। मामौर खादर में खनन माफियाओं ने पॉर्कलेन मशीन व अन्य साजो-सामान से यमुना की धार तक मोड दी है। यही नहीं, वैध पट्टे की आड़ में मानकों के विपरीत प्रतिदिन हजारों टन यमुना से काला सोना निकाला जा रहा है। इस कारोबार को जारी रखने के लिए हरियाणा से रास्ता निकाल लिया गया है। यमुना का अस्तित्व खतरे में नजर आ रहा है। स्थानीय प्रशासन पूरे मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं।

कैराना के मामौर यमुना खादर क्षेत्र में पांच साल के लिए वैध बालू खनन पट्टा आवंटित हैं। जहां एनजीटी के आदेशों का पालन और शासन की गाइडलाइन के अनुरूप ही खनन की अनुमति दी गई है। बावजूद इसके खनन माफियाओं ने तमाम नियम-कायदों को ठेंगे पर रख दिया है। पॉर्कलेन मशीनों व अन्य साजो-सामान से यमुना नदी की मुख्य जलधारा को मोड दिया है। वैध पट्टे की आड़ में मानकों के विपरीत प्रतिदिन यमुना से हजारों टन काला सोना निकाला जा रहा है। जलधारा के अंदर भी मशीनों को चलाया जा रहा है।


रेत निकालने के बाद उसकी तस्करी का धंधा चल रहा है। उधर, खनन माफियाओं ने काले कारोबार को जारी रखने के लिए यमुना नदी में हरियाणा से रास्ता निकाल लिया है। माफियाओं में बस खनन करने की होड़ मची हुई है। ये तो यमुना का अस्तित्व मिटाने में जुटे हुए हैं। इनको न एनजीटी का खौफ है और न ही किसी कार्रवाई का डर। स्थानीय प्रशासन व खनन अधिकारी की ओर से भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। यही वजह है कि खनन माफियाओं के हौंसले बुलंद हैं और नियम-कायदों की धज्जियां उड़ाई जा रही है। यदि प्रशासन खनन को लेकर गंभीर हो जाएं, तो माफियाओं के हौंसले पस्त हो सकते हैं। बहरहाल, देखना यही होगा कि प्रशासन इस पूरे मामले पर क्या कार्रवाई कर पाता है, यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

किसके इशारे पर बदली यमुना की दिशा ?

एनजीटी ने खनन को लेकर सख्त आदेश जारी किए हुए हैं। बताते हैं कि यमुना नदी के अंदर जहां पानी बहता है यानि जो जलधारा होती है, उससे छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है और न ही दिशा को बदला जा सकता है। यदि इस तरह का कोई कृत्य माफिया करते हैं, तो यह कार्रवाई के दायरे में आता है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि खनन माफियाओं द्वारा आखिर किसके इशारे पर यमुना नदी की दिशा को बदला जा रहा है और प्रशासन क्यों खामोश हैं।


अनियमितता पर लगा था 77 लाख का जुर्माना

मामौर खनन प्वाइंट पर पूर्व में अनियमितता उजागर हो चुका है। जून 2020 को मामौर खनन प्वाइंट पर सहारनपुर से अपर आयुक्त के नेतृत्व में विशेष टीम पहुंची थी। उस समय भारी अनियमितताओं के चलते खनन को बंद करा दिया गया था। बाद में जिलाधिकारी जसजीत कौर ने जानकारी दी थी कि मामौर खनन पट्टाधारक पर अनियमितताओं के आधार पर करीब 77 लाख रूपये जुर्माना निर्धारित किया गया है। इन सबके बावजूद भी खनन माफिया अपनी करतूत से बाज नहीं आ रहे हैं।

इनका कहना-

मशीन से खनन करना नियम विरूद्ध नहीं हैं। पट्टाधारक रास्ता हरियाणा से भी ले सकता है, क्योंकि पट्टा मुख्यधारा से हरियाणा की ओर हैं, जो यूपी की सीमा हैं। यमुना की धारा को रोकने कोई प्रावधान नहीं हैं। न धारा मोड सकते हैं।

- रंजना सिंह, जिला खनन अधिकारी शामली।

Next Story