Archived

तानाशाह डीएम के खिलाफ श्रावस्ती के पत्रकारों में आक्रोश, दिया एडीएम को ज्ञापन

तानाशाह डीएम के खिलाफ श्रावस्ती के पत्रकारों में आक्रोश, दिया एडीएम को ज्ञापन
x
गाजियाबाद की तानाशाह DM रितु माहेश्वरी के तानाशाह रवैये से श्रावस्ती मीडियाकर्मीयों में आक्रोश।
गाजियाबाद की तानाशाह DM रितु माहेश्वरी के तानाशाह रवैये से श्रावस्ती मीडियाकर्मीयों में आक्रोश। DM गाजियाबाद के खिलाफ श्रावस्ती में पत्रकारों ने जताया कड़ा विरोध. मुख्यमन्त्री को सम्बोधित ज्ञापन ADM ओम प्रकाश सिंह को सौंपा. 'समाचार प्लस' व 'न्यूज़ वन इंडिया' चैनल के खिलाफ दर्ज मुकदमा 3 दिन के भीतर वापस लेने का दिया अल्टीमेटम। पत्रकारों ने मुकदमा वापस न लेने पर जिले से लेकर प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर आर-पार लड़ाई लड़ने की दी चेतावनी।


आदर्श पत्रकार वेलफेयर एसोसिएशन जनपद श्रावस्ती के पत्रकारों ने मंगलवार को एक बैठक आयोजित कर गाजियाबाद के दो पत्रकारों तथा समाचार प्लस व न्यूज वन इंडिया पर जिलाधिकारी रितु महेश्वरी की ओर से दायर कराई गई एफआईआर पर कड़ी नाराजगी जताई। पत्रकारों ने इसे पत्रकारिता जगत पर हमला करार देते हुए निर्णायक आंदोलन करने का निर्णय लिया है। संगठन के पत्रकारों ने एक स्वर में कहा कि डीएम ने दो चैनलों पर जिस तरह फर्जी धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई है, इससे स्पष्ट होता है कि डीएम पत्रकारों को दबाव में लेकर प्रशासन और जीडीए चलाना चाहती हैं, जो मीडिया जगत कतई स्वीकार नहीं करेगा। बैठक में कहा गया कि एक बिल्डर के आरोपों को दोनों चैनलों ने प्रसारित कर कोई गुनाह नहीं किया था। दोनों चैनलों के एंकर्स ने खबर प्रसारित करते समय डीएम रितु महेश्वरी को कई बार फोन कर उनसे उनका पक्ष जानने की कोशिश की, लेकिन उनकी ओर से फोन रिसीव नहीं किया गया। आखिर उनका पक्ष आने तक खबर को रोकना किसी सूरत में न संभव था और न जायज, लिहाजा न्यूज चैनलों ने कोई गलती नहीं की। मीडिया का धर्म ही है कि पीड़ित की पीड़ा को सामने रखा जाय और ताकतवर को आईना दिखाना।
बैठक में कहा गया कि न्यूज चैनलों पर दर्ज कराई गई एफआईआर में डीएम की ओर से देशद्रोह की धारा भी लगाई गई है जिससे यह स्पष्ट है कि प्रशासनिक अधिकारी खुद को कानून से ऊपर और मीडिया को गुलाम दिखाने का प्रयास कर रहे हैं।

पत्रकारों ने तय किया कि अब प्रशासनिक भ्रष्टाचार की खबरों को वें और मुखर होकर प्रसारित करेंगे। प्रशासन को समझना होगा कि पत्रकार उनके ही नहीं, जनता के भी प्रतिनिधि हैं।

खबरों को आईने की तरह सामने रखना ही उनका पेशा और धर्म भी है। बैठक में चेतावनी दी गयी है कि अगर तीन दिन के भीतर यदि डीएम ने अपनी एफआईआर वापस नहीं ली तो संगठन के पत्रकार सामूहिक आंदोलन करेंगे, और जब तक एफआईआर वापस नहीं होगी तो जिले से लेकर प्रदेश एंव राष्ट्रीय स्तर तक पत्रकारों ने आर-पार की लड़ाई लड़ने को बाध्य होंगे, जिसकी जिम्मेदारी शासन व प्रशासन की होगी।
रिपोर्ट अतुल पाण्डेय
Next Story