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पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के नाती और इलाहाबाद पश्चिमी विधानसभा सीट से लगातार दूसरी बार कमल खिलाने वाले और पश्चिमी सरकार में एमएसएमई खादी एवं ग्रामोद्योग निवेश, निर्यात, वस्त्र, उद्योग, रेशम, एनआरआई मंत्री रहे सिद्धार्थ नाथ सिंह योगी 2.0 की कैबिनेट में जगह नहीं बना पाए हैं।
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता भी रहे सिद्धार्थनाथ सिंह का नाम मंत्रिमंडल में लगभग तय माना जा रहा था। उनके लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह व केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने जनसभाएं कीं तो स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रोड-शो करने आए थे।
बता दें कि आज शुक्रवार को शपथ ग्रहण करने वाले मंत्रियों में नाम न होने पर उन्हें और बड़ी जिम्मेदारी मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। 1997 में राजनीति में कदम रखने वाले सिद्धार्थनाथ सिंह आंध्र प्रदेश के भाजपा राज्य प्रभारी, पश्चिम बंगाल के सह-प्रभारी, पार्टी के राष्ट्रीय सचिव रह चुके हैं। अंदरखाने की मानें तो 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को विजयी बनाने में भी उनकी अहम भूमिका हो सकती है। इसी प्रकार प्रतापगढ़ के रहने वाले और पिछली सरकार में मंत्री रहे एमएलसी महेन्द्र सिंह को भी संगठन में बड़ी जिम्मेदारी मिलने की चर्चा है। राजेन्द्र प्रताप सिंह (मोती सिंह) पट्टी से चुनाव हारने के कारण बाहर हो गए जबकि स्वामी प्रसाद मौर्य सपा में चले गए थे।