सिद्धार्थनगर

सिद्धार्थनगर के 3 प्रवासी मजदूरों की सड़क दुर्घटना में मौत, गांव से वापस रोजगार के लिए मुंबई जा रहे थे

Shiv Kumar Mishra
7 Sept 2020 10:02 PM IST
सिद्धार्थनगर के 3 प्रवासी मजदूरों की सड़क दुर्घटना में मौत, गांव से वापस रोजगार के लिए मुंबई जा रहे थे
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डुमरियागंज-मालीमैंनहा के प्रवासी मजदूर मुनिराम गुप्ता की सड़क दुर्घटना में मौत, पीपुल्स एलाइंस ने मृतक परिवार से की मुलाकात

सिद्धार्थनगर, 07 सितंबर 2020 : पीपुल्स एलाइंस प्रतिनिधिमंडल ने मृतक प्रवासी मजदूरों के परिजनों से की मुलाकात। सिद्धार्थनगर जनपद के डुमरियागंज- मालीमैंनहा में एक और इटवा के से ऊंरहवा गांव के दो प्रवासी मजदूरों की शुक्रवार, 4 सितंबर को रात 1.30 बजे मध्यप्रदेश के इंदौर के पास सड़क हादसे में मौत हो गई है। पिकउप में 29 लोग सवार थे, जिसमें 3 की मौत और दो दर्जन से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। रविवार देर रात 12 बजे मृतक की लाश को घर वालों को पुलिस ने सुपुर्द किया।

मालीमैंनहा के प्रवासी मजदूर मुनिराम गुप्ता (42) का दुर्घटना में मौत हो गई। उनकी पत्नी रीता देवी ने कहा कि हमारे पति मुंबई-थाणे में भंगार का काम करते थे। जिससे हमारे परिवार का पालन-पोषण चलता था। लॉकडाउन में 2 महीने तक मुम्बई में बहुत परेशानी काटने के बाद गाँव आए और यहां 4 महीना रहने के बाद काम न मिलने की वजह से घर चलाने में दिक्कत हो रही थी। जिसके वजह से दुबारा मुम्बई, थाणे कमाने के लिए गुरुवार, 3 सितंबर को निकले ही थे की दूसरे दिन पता चला कि पति की दुर्घटना में मौत हो गई। अब हम कैसे परिवार चलाएंगे मेरा बड़ा लड़का अभी कक्षा 11 में है।

इटवा के सेऊंरहवा के दो प्रवासी मजदूरों की भी उसी दुर्घटना में मौत हो गई। उनसे पीपुल्स के नेता शाहरुख अहमद ने दुःख जाहिर करते और उनके साथ खड़े रहने का आश्वासन दिया। मृतक सहजराम यादव (40) के भाई अवधराम यादव ने बताया कि अभी लॉकडाउन में महाराष्ट्र में तालाबंदी की वजह से परेशान होकर गांव आए थे। तीन महीना गांव रहने के बाद घर चलाने के लिए आर्थिक दिक्कत आने लगी। जिसकी वजह से वो दुबारा मुम्बई जाने के लिए निकले थे कि मध्यप्रदेश में उनकी दुर्घटना में मौत हो गई।

पीपुल्स एलाइंस के नेता शाहरुख अहमद ने कहा कि इस दुःखद समय में हम परिवार के दुःख में पीड़ित परिवार के साथ खड़े हैं। उन्होंने योगी सरकार से सवाल करते हुए कहा कि लॉकडाउन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि 'दूसरे राज्य यूपी के प्रवासी मजदूरों को वापस लाना चाहते हैं तो उन्हें लेनी होगी मंजूरी'। जब प्रदेश में प्रवासी मजदूरों के लिए काम नहीं है और प्रवासी मजदूर मजबूरन दूसरे राज्यों में पलायन कर रहे हैं। ऐसे में सीएम योगी के कहे गए बयान कहां है? योगी सरकार के वादे खोखले और झूठे हैं।

वहीं पीपुल्स एलाइंस के नेता अज़ीमुश्शान फ़ारूक़ी ने कहा कि इन तीन प्रवासी मजदूर की मौत और दो दर्जन से ज्यादा घायल हुए प्रवासी मजदूरों की जिम्मेदार सरकार है अगर इन प्रवासी मजदूरों को प्रदेश में रोजगार मिलता तो उन्हें दूसरे राज्यों में पलायन नहीं करना पड़ता।

पीपुल्स एलाइंस की मांग -

1. मृतक प्रवासी मजदूरों के परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए।

2. मृतक के परिवार से एक बच्चे को नौकरी दी जाए।

3. मृतक प्रवासी मजदूरों के भूमिहीन होने की वजह से उन्हें जमीन आवंटित किया जाए।

4. मृतकों के बच्चों की बेहतर शिक्षा की जिम्मेदारी ले सरकार।

5. दुर्घटना में घायल हुए प्रवासी मजदूरों का बेहतर इलाज कराया जाए।

पीपुल्स एलाइंस प्रतिनिधिमंडल में शाहरुख अहमद, अज़ीमुश्शान फ़ारूक़ी, अफ़रोज़ सिद्दीकी और सलमान मौजूद रहे।

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