सोनभद्र

सोनभद्र में अब कैसे होगी खुदाई, सोने के खजाने पर है दुनिया के सबसे जहरीले सांपों की फौज का पहरा

Arun Mishra
22 Feb 2020 11:06 AM GMT
सोनभद्र में अब कैसे होगी खुदाई, सोने के खजाने पर है दुनिया के सबसे जहरीले सांपों की फौज का पहरा
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सोनभद्र जिले में करीब तीन हजार टन से ज्यादा सोने का अयस्क मिला है

सोनभद्र : पिछले 40 सालों से चल रही सोने की तलाश अब उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में जाकर पुरी हो गई है। सोनभद्र जिले में करीब तीन हजार टन से ज्यादा सोने का अयस्क मिला है। इससे करीब डेढ़ हजार टन सोना निकाला जा सकेगा। सोना मिलने के चलते सोनभद्र जिला जल्द ही नई पहचान हासिल करने जा रहा है। वहीं, सोने की खदान के पास दुनिया के सबसे जहरीले सांपों का बसेरा भी मिला है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोनभद्र जिले के सोन पहाड़ी क्षेत्र में विश्व के सबसे जहरीले सांपों की तीन प्रजातियां पाई जाती है। रसेल वाइपर, कोबरा व करैत प्रजाती के सांप इतनी जहरीले हैं कि किसी को काट ले तो उसे बचाना संभव नहीं है। सोनभद्र जिले के जुगल थाना क्षेत्र के सोन पहाड़ी के साथी दक्षिणांचल के दुद्धी तहसील के महोली विंढमगंज चोपन ब्लाक के कोन क्षेत्र में काफी संख्या में सांप मौजद हैं।

वैज्ञानिकों के अनुसार, विश्व के सबसे जहरीले सांपों में पाए जाने वाले रसेल वाइपर की प्रजाति उत्तर प्रदेश के एकमात्र सोनभद्र जिले में ही पाई जाती है। सांपों पर अध्ययन कर चुके विज्ञान डॉक्टर अरविंद मिश्रा ने बताया कि रसेल वाइपर विश्व के सबसे जहरीले सांपों में से एक है। इसका जहर हीमोटॉक्सिन होता है, जो खून को जमा देता है। काटने के दौरान यदि यह अपना पूरा जहर शरीर में डाल देता है तो मनुष्य की घंटे भर से भी कम समय में मौत हो सकती है। यही नहीं यदि जहर कम जाता है तो काटे स्थान पर घाव हो जाता है, जो खतरनाक साबित होता है।

सोनभद्र के चोपन ब्लाक के सोन पहाड़ी में सोने के भंडार मिलने के बाद इसकी जियो टैगिंग कराकर ई-टेंडरिंग की प्रक्रिया शुरू की तैयारी है। ऐसे में विश्व के सबसे जहरीले सांपों की प्रजातियों के बसेरे पर संकट मंडराना तय है। बता दें कि विश्व के सबसे जहरीले सांपों की कई प्रजातियां आस्ट्रेलिया के जंगलों में भी पाई जाती हैं। वन्य जीव प्रतिपालक संजीव कुमार के मुताबिक दुर्लभ प्राजति के सांपों के अस्तित्व को देखते हुए आस्टे्रलियां में भी कोयले की खदान खनन प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई थी। माना गया कि यदि खनन पर रोक नहीं लगाई तो यहां मौजूद दुर्लभ प्रजति के सापों का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा।

सोनभद्र जिले के डीएफओ वाइल्ड लाइफ संजीव कुमार की मानें तो वन्य जीव विहार क्षेत्र में खनन की अनुमति देने का निर्णय केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय लेता है। सोनभद्र के चोपन ब्लाक के सोन पहाड़ी और हरदी में सोने के भंडार की ई-टेंडरिंग को लेकर रिपोर्ट केन्द्र को भेजी जाएगी। केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ही इस पर निर्णय लेगा।

सोनभद्र में है सोने का भंडार

सोनभद्र जिले में सोने का करीब तीन हजार टन से ज्यादा का भंडार मिला है। सोने का इतना बड़ा भंडार मिलने की खबर जंगल में आग की तरह फैल गई और हर किसी को इसके बारे में जानने की उत्सुकता दिखी। बता दें कि सोने की यह चट्टान एक किलोमीटर से ज्यादा लंबी और 18 मीटर गहरी है। इस चट्टान की चौड़ाई 15.15 मीटर है।

गुलामी के दौर में अंग्रेजों ने भी सोने की खान का पता लगाने की कोशिश की थी लेकिन, वह कामयाब नहीं हो सके थे। आजादी से पहले ही शुरू हुई सोने की खोज के चलते पहाड़ी का नाम सोन पहाड़ी पड़ गया था, तब से लेकर अब तक यहां के आदिवासी इसे सोन पहाड़ी के नाम से ही जानते हैं। उन्हें इस बात का तनिक भी इल्म नहीं था कि इन पहाड़ियों के गर्भ में तीन हजार टन सोना दबा पड़ा है। सोनभद्र में सोने के अपार भंडार मिलने के बाद यह पूरी दुनिया की निगाह में आ गया है। यह काम एकाएक नहीं हुआ है, बल्कि इसकी खोज और पुख्ता करने में वैज्ञानिकों की टीम को 40 साल का लंबा वक्त लग गया।

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Sub-Editor of Special Coverage News

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