उत्तर प्रदेश

सोनिया गांधी ने संसद में अपने लोकसभा क्षेत्र रायबरेली का मुद्दा उठाया

Sujeet Kumar Gupta
2 July 2019 2:18 PM IST
सोनिया गांधी ने संसद में अपने लोकसभा क्षेत्र रायबरेली का मुद्दा उठाया
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कंपनीकरण दरअसल निजिकरण की शुरुआत है, यह देश की मुल्यवान संपत्ति कौड़ियों के दाम चंद निजी हाथों में देने की प्रक्रिया है।

नई दिल्ली। लोकसभा में शून्यकाल में यूपीए चेयरपर्सन और कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी ने संसद में अपने लोकसभा क्षेत्र रायबरेली का मुद्दा उठाया पहले रायबरेली की रेलवे कोच फैक्ट्री के निजीकरण का मुद्दा उठाया और कहा कि कि सरकार ने रेलवे की छह उत्पादन इकाइयों का कंपनीकरण करने का फैसला किया है। इसमें रायबरेली की मॉर्डन रेल कोच फैक्ट्ररी भी शामिल है। इस योजना के प्रथम चरण में रायबरेली की रेल कोच फैक्ट्री होगी, कंपनीकरण के जो असली मायने नहीं जानते हैं मैं उनको बता दूं कि कंपनीकरण दरअसल निजिकरण की शुरुआत है, यह देश की मुल्यवान संपत्ति कौड़ियों के दाम चंद निजी हाथों में देने की प्रक्रिया है, हजारों लोग इससे बेरोजगार हो जाते हैं।''

सोनिया ने संसद में अलग से रेल बजट पेश करने की परंपरा खत्म करने पर भी निशाना साधा अपने भाषण के दौरान सोनिया गांधी ने कहा कि सरकार ने कंपनीकरण के लिए कारखाने की मजदूर यूनियन और श्रमिकों तक को विश्वास में नहीं लिया। उन्होंने कहा कि सरकारी उद्योगों का बुनियादी काम लोक कल्याण है न कि निजी उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाना। सोनिया ने कहा, 'बहुत ही दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि यह सरकार मजदूर और गरीब लोगों को भूलकर सिर्फ कुछ पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए काम कर रही है। मजदूरों का हक छीनकर कैसे उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाया जा रहा है, यह बात किसी से छुपी नहीं है।

सोनिया गांधी ने कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू ने पीएसयू को आधुनिक भारत का मंदिर कहा था। आज यह देखकर अफसोस होता है कि इस तरह के ज्यादातार ''मंदिर'' खतरे में हैं। मुनाफे के बावजूद कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं दिया जा रहा और कुछ खास पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए उन्हें संकट में डाल दिया गया है। उन्होंने कहा कि एचएएल, बीएसएनएल और एमटीएनएल के साथ क्या हो रहा है, किसी से छिपा नहीं है।उन्होंने कहा, ''सरकार से मेरा अनुरोध है कि रायबरेली की मॉडर्न कोच फैक्टरी और सार्वजनिक क्षेत्र की सभी संपत्तियों की पूरी रक्षा करे और इन्हें चलाने वाले मजदूरों और कर्मचारियों तथा उनके परिवारों के प्रति आदर और सम्मान का भाव रखे।'


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