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सुल्तानपुर में निर्माणाधीन एन एच 56 फोरलेन में मुआवजा पाये 52 गांव के किसान परेशान
सुल्तानपुर में निर्माणाधीन एन एच 56 फोरलेन में मुआवजा पाये 52 गांव के किसान परेशान हैं। दरअसल विभागीय अनियमित्ता के चलते 2 साल से मुवाब्जा पाये किसानों का खाता सीज है। ऐसे में किसान खाते में पैसा होने के बावजूद न ही बीमार का इलाज करा पा रहे हैं और न ही शादी विवाह, बच्चों की पढाई का खर्च उठा पा रहे हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत तो कोरोना महामारी के दौरान आई। जमीन तो जमीन गई अब उसके बदले मिला मुवाब्जा भी बैंक की शोभा बढ़ा रहा है। जिम्मेदार हैं कि बोलने से कतरा रहे हैं।
बताते चलें कि सुल्तानपुर वाराणसी एनएच 56 पर पिछले काफी समय से फोरलेन का निर्माण हो रहा है। केंद्र सरकार द्वारा इस रूट पर पड़ने वाले 52 गांव के जिन जिन किसानों की जमीन अधिग्रहीत हुई उनमें से ज्यादातर लोगों को मुवाब्जा दिया गया। लेकिन मुवाब्जा देने में भी जिला प्रशासन के अधिकारियों कर्मचारियों ने खेल कर दिया। एक ही सड़क का अलग अलग मुवाब्जा दिया गया। लोगों ने जब शिकायत की तो जिला प्रशासन ने इन 52 गांव के किसानों के खातों में ज्यादा धनराशि भेजे जाने का हवाला देते हुये दिनांक 14 अगस्त 2018 को इनके खातों के संचालन पर रोक लगा दी गई। ऐसे में तब से किसान परेशान हैं। कोई खाताधारक खुद बीमार है तो किसी का परिजन। कोई शादी विवाह और बच्चों की पढाई के लिये परेशान हैं। तो कोई कोरोना महामारी में आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। दर्जनों बार जल्द जांच कर खाता संचालन शुरू करने के लिये फरियाद की गई, लेकिन दो साल बीत जाने के बाद भी जिला प्रशासन द्वारा जांच ही की जा रही है।
वहीँ अभी भी बहुत से किसान ऐसे हैं जिन्हें एनएच 56 फोरलेन में अब तक मुआवजा नही दिया गया। लेकिन इसके बावजूद जिला प्रशासन और पुलिस की मदद से जबरन उनकी जमीन पर कब्जा करके फोरलेन निर्माण कार्य शुरू करा दिया गया। ऐसे में ये किसान परेशान है लेकिन इनकी सुनने वाला कोई नही। किसानों की माने तो उन्होंने जब भी मुवब्जे की बात की तो उन्हें नये दर से मुवाब्जा देने की बात कही जा रही है।
फ़िलहाल इस मामले में अब अपना दल के जिलाध्यक्ष अविनाश पटेल ने लोगों की समस्यायों को देखते हुये कदम बढ़ा दिया है। पीएम मोदी, सीएम योगी, केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, अपना दल की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल और सुल्तानपुर जिलाधिकारी को ट्वीट कर किसानों के सीज खाते को जल्द रिलीज करने, मुआवजा न पाए किसानों को जल्द मुवाब्जा दिए जाने और मामले को इतने दिनों लंबित रखने वाले दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ ट्वीट कर कड़ी कार्यवाही की मांग की है।