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सुल्तानपुर जिला में अस्पताल में डाक्टरों की मनमानी

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सुल्तानपुर जिले का यह वह इमरजेंसी अस्पताल है जिसको बेहतर बनाने के लिए भाजपा सांसद वरुण गाँधी ने स्वयं उद्घाटन किया और अपने सांसद निधि का डेढ़ करोड़ रुपये दान कर दिया। लेकिन इस अस्पताल की दुर्दशा दिन प्रतिदिन बिगड़ती ही जा रही है। क्योकि जिला अस्पताल के डाक्टरों की अपनी ही मनमानी चल रही है जरा गौर से देखिए दोनों डॉक्टर अपने अपने मरीज को अपने अपने निजी अस्पताल में भेजने को लेकर आये दिन डाक्टरों में जमकर हंगामा होता है यही नहीं कभी कभी तो पुलिस को मौके पर पहुंचना पड़ता है। यह नजारा आप खुद देख कर रह जायेंगे दंग। वही इस आपसी लड़ाई को लेकर दूर दराज से आये मरीजों का बुरा हाल है ऐसे में मरीजों का इलाज कराना तो दूर की बात है उन्हें बेड भी मिलना मुनासिब नहीं होता है वह अपना इलाज के कराने के लिए घंटो बैठने वाले चेयर पर ही लेट कर डॉक्टर का इंतज़ार करना पड़ता है। इसलिए हर एक तीमारदार अपना मरीज लेकर बाहर लखनऊ भाग रहा है तो कोई इसकी शिकायत जिलाधिकारी से जाकर रहा है। ऐसे में इस जिला अस्पताल की हालात बहुत ही दयनीय हो चुकी है और इसका खस्ताहाल है। न ही इस पर कोई उच्चाधिकारी ध्यान ही दे रहा है।


दरअसल यह सुल्तानपुर जिला अस्पताल है जिसमे हर एक वर्ग के लोग इलाज के लिए यहाँ आते है जहां एक व्यक्ति पांचोपीरन कस्बे का रहने वाला अपने 6 दिन के बच्चे को लेकर जिला अस्पताल में डॉक्टर गोपाल के पास पहुंचा और परिचय दिया तो डॉक्टर साहब ने बड़ा रौब में कहा कि आप कमरे पर आकर दिखाओ, एक बार मैंने कमरे पर मरीज देख लिया तो मैं कमरे पर ही देखूंगा फिर पीड़ित ने इसका विरोध किया तो पीड़ित के साथ डॉक्टर साहब ने गाली-गलौज करने लगे यही पर डाक्टर साहब नहीं रुके बल्कि मारपीट पर भी हमादा हो गए, और फिर डॉक्टर साहब ने रुआब में आकर मरीज के पर्चे को फाड़ कर फेंक दिए, जब पीड़ित इसकी जिलाधिकारी से शिकायत करने की बात कही तो डॉकटर ने कहा जाओ जो करना होगा कर लेना ,मेरा कोई कुछ नहीं कर सकता। तब पीड़ित जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचा जिसकी लिखित शिकायत की। और जिलाधिकारी ने कार्यवाही का आश्वासन दिया।
योगीराज में डॉक्टर बने यमराज। सुल्तानपुर जिला अस्पताल में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक पद पर तैनात डॉ बी वी सिंह अब मरीजों के लिए यमराज बन चुके है। दरअसल यह पूरा मामला सुल्तानपुर तहसील सदर का है जहां अमहट मंडी के पास रात में एक ग़रीब अपने ठेले पर सो रहा था, तभी तेज रफ्तार कार ने उसे टक्कर मार दी। जिसमें वह गंभीर रूप से जख्मी हो गया। जिसे इलाज के लिए जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसे मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ बी वी सिंह ने देखा और फिर डॉ ने मेडी सेवा से अल्ट्रासाउंड एवं सीटी स्कैन कराने के लिए कहा। जब पीड़ित मेडी सेवा पहुंचा तो वहां पर मशीन काम नहीं कर रही थी तब पीड़ित के भाई ने सुल्तानपुर डायलिसिस में जाकर अपना सीटी स्कैन एवं अल्ट्रासाउंड करा लिया,उसके बाद रिपोर्ट लेकर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को दिखाया तो वह आग बबूला हो गए और उन्होंने कहा कि तत्कालीन आप अस्पताल छोड़ कर चले जाइए मैं आप का इलाज नहीं करूंगा ऐसे में पीड़ित रोता और गिड़गिड़ाता रहा, मगर पीड़ित की कोई बात सुनने के लिए तैयार नहीं। पीड़ित ने आरोप लगाया है कि डॉक्टर बीवी सिंह ने कहा कि तुम डॉक्टर रस्तोगी को दिखा चुके हो, इसलिए मैं तुम्हारा इलाज नहीं कर पाऊँगा, और तुमने मेरी कोई बात नहीं मानी। ऐसे में पीड़ित को अस्पताल से निकाल कर मरीज को लखनऊ के लिए मजबूरन ले जाना पड़ा।

F/V/O-दरअसल सुल्तानपुर जिले में अभी तक जो भी सीएमएस तैनात रहे, वह बाहर जिले के रहे, इसलिए जिला अस्पताल का रवैया ठीक चलता रहा,लेकिन मई लास्ट में डॉ योगेंद्र यति का प्रतापगढ़ जिला स्थानांतरण हो गया। उसके बाद सर्जन के पद पर तैनात रहे डॉ बीवी सिंह को जिला अस्पताल का सीएमएस का पदभार मिला, जो यहां के लोकल रहने वाले है जिसका अपना एक नर्सिंग होम चलता है यही नहीं जिला अस्पताल में लगभग जो भी डाक्टर है तैनात, उन सभी का जिले में अपना नर्सिंग होम है जिसके कारण आये दिन जिला अस्पताल में डॉकटरो का हंगामा होता है। और दूर दराज से आये मरीज जनता इसमें पिसती है इस कारण अस्पताल का खस्ताहाल होता जा रहा है।
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