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'मी टू" में फंसे पूर्व कोतवाल पर मुकदमा दर्ज, दो माह तक चली एसपी सिटी की जांच रिपोर्ट आने के बाद हुई कार्यवाही
सुलतानपुर, दुष्कर्म आरोपी के खिलाफ कार्यवाही करने के नाम पर पीड़िता को गुमराह कर उसकी मोबाइल पर अश्लील पोस्ट करने के चलते 'मी टू" में फंसे पूर्व नगर कोतवाल के खिलाफ उसी कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ है। यह मुकदमा एसपी के निर्देश पर लंबे समय तक चली जांच के बाद प्रथम दृष्टया आरोप की पुष्टि होने पर कायम हुआ है। जिससे पूर्व कोतवाल का थमा हुआ मामला एक बार फिर सुर्खियोंं में आ गया।
मालूम हो कि कुड़वार थाना क्षेत्र के सोहगौली निवासी शुभम तिवारी के खिलाफ मुसाफिरखाना क्षेत्र की रहने वाली एक युवती ने गंभीर आरोप लगाते हुए वर्ष 2017 में मुकदमा दर्ज कराया था। मामले में तत्कालीन कुड़वार थानाध्यक्ष नंद कुमार तिवारी के पास पीड़िता चक्कर काटती रह गयी,लेकिन आरोपी शुभम के खिलाफ कार्यवाही नहीं हो सकी। कई महीनों तक यह सिलसिला चलता रहा। इसी बीच नंद कुमार तिवारी पर भरोसा कर एसपी अनुराग वत्स ने उन्हें नगर कोतवाली की कमान सौंप दी। कुड़वार थाने से हटने के बाद नगर कोतवाल बनने पर भी नंद कुमार तिवारी पीड़िता को आरोपी शुभम तिवारी को जेल भिजवा देने के नाम पर गुमराह करते रहे आैर इसी बहाने संपर्क में बने रहे। संपर्क मे रहने का फायदा नंद कुमार तिवारी ने यहां तक उठाया कि शुभम के खिलाफ कार्यवाही कराने का भरोसा जताते हुए पीड़िता की मोबाइल पर अश्लील पोस्ट कर दिया।
यह मामला डीआईजी तक पहुंचा तो हरकत में आये एसपी ने नंद कुमार तिवारी को तत्काल निलंबित कर दिया। उसके बाद पीड़िता की तरफ से नंद कुमार तिवारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने को लेकर पड़ी तहरीर की जांच एसपी अनुराग वत्स ने एसपी सिटी मीनाक्षी कात्यायन को सौंप दी। यह जांच इतनी लंबी चली कि पीड़िता का पुलिस से भरोसा ही उठना लगा। नतीजतन पीड़िता ने आरोपी पूर्व कोतवाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने को लेकर अपने अधिवक्ता राय शीवेंद्र प्रताप सिंह के माध्यम से कोर्ट की शरण ले ली। कई पेशियों तक नगर पुलिस कोर्ट में तलब की गयी आख्या को ही भेजने में लापरवाही बरतती रही। जब कोतवाली से रिपोर्ट पहुंची तो मामले में सुनवाई के लिए 13 जनवरी की तिथि नियत की गयी।
इसी बीच नंद कुमार तिवारी के खिलाफ चल रही एसपी सिटी की जांच रिपोर्ट में वह प्रथम दृष्टया दोषी पाये गये तो एसपी के निर्देश पर भादवि की धारा 354-डी में पूर्व कोतवाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। करीब दो माह की लंबी जांच के बाद हुई कार्यवाही से 'मी टू"में फंसे पूर्व कोतवाल का मामला फिर से चर्चा में आ गया है। एसपी के कड़े रुख के बाद दर्ज हुए इस मुकदमें से पीड़िता को एक बार फिर पुलिस से न्याय मिलने की आश जग गयी है। फिलहाल मामले की तफ्तीश करने वाले अपने पूर्व कोतवाल के खिलाफ मिली जांच में क्या गुल खिलाते हैं यह तो आने वाला वक्त ही बतायेगा।