सुल्तानपुर

वोट कटुआ बोले जाने पर फूटा ओवैसी का गुस्सा, अखिलेश- मायावती पर लगाया बड़ा आरोप

वोट कटुआ बोले जाने पर फूटा ओवैसी का गुस्सा, अखिलेश- मायावती पर लगाया बड़ा आरोप
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असदुद्दीन ओवैसी(Asaduddin Owais) ने उत्तर प्रदेश के अपने दौरे के दूसरे दिन बुधवार को विरोधियों के उन आरोपों को खारिज किया, जिसमें उन्हें राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य में वोट काटने वाले के रूप में पेश किया गया था। आयोजित सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी तक पर जमकर बरसे। उनके निशाने पर कांग्रेस, सपा और बसपा भी रही।

उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से हमारा समाज वोट के लिए ही इस्तेमाल किया जाता रहा है। ओवैसी ने कहा कि समाजवादी पार्टी(Samajwadi Party) प्रमुख अखिलेश यादव(Akhilesh Yadav) और बहुजन समाज पार्टी(Bahujan Samaj Party) प्रमुख मायावती(Mayawati) की नासमझी की वजह से नरेंद्र मोदी दो बार देश के प्रधानमंत्री बने।

अयोध्या के रूदौली से आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पार्टी के अभियान की शुरुआत करने के एक दिन बाद ओवैसी सुल्तानपुर जिले के ओदरा गांव में बुधवार को एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। बाद में ओवैसी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि 'आज का मुसलमान जान चुका है कि कई पार्टियां उनके वोट तो लेती हैं लेकिन उनका नेता नहीं बनाती और न ही पार्टी में उनकी कोई इज्जत होती है।'


इससे पहले ओवैसी ने जनसभा में कहा, 'कहा जाता है़ ओवैसी लड़ेगा तो वोट काट देगा। उन्होंने सवाल किया, 'सुल्तानपुर में आप सबने अखिलेश यादव को झोली भर कर वोट दिया तो सूर्या (सूर्यभान सिंह भाजपा विधायक) कैसे जीते? 2019 में लोकसभा के चुनाव में सुल्तानपुर से भाजपा कैसे जीती, तब ओवैसी तो चुनाव नहीं लड़ रहा था। क्या अखिलेश यादव ने कहा कि हिंदू ने वोट नहीं किया इसलिए हारे? क्यों मुसलमानों को कहते हैं, मुसलमानों ने वोट नहीं दिया, क्या मुसलमान कैदी हैं? ओवैसी ने ये भी कहा कि दो बार भाजपा मुसलमानों के वोटो से नहीं जीती है।

इस आरोप को खारिज करते हुए कि उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़कर ओवैसी भाजपा के प्रतिद्वंद्वियों के वोट खराब करेंगे, हैदराबाद के सांसद ने सवाल किया, 'जब आप सभी (मुसलमानों) ने अखिलेश यादव की पार्टी को वोट दिया तो पिछले विधानसभा चुनाव में यहां से एक भाजपा उम्मीदवार कैसे जीता? इसी तरह भाजपा ने 2019 में सुल्तानपुर से लोकसभा चुनाव कैसे जीता, जबकि एआईएमआईएम वहां नहीं लड़ी थी?

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष यादव पर तीखा हमला करते हुए ओवैसी ने सवाल किया, 'क्या मुसलमान आपके गुलाम हैं?' उन्होंने कहा, 'नरेंद्र मोदी अखिलेश और मायावती की 'नासमझी' के कारण दो बार प्रधानमंत्री बने।' हालांकि वह इस बारे में कुछ विस्तार से नहीं बोले।

ओवैसी ने कहा कि लोकसभा के चुनाव में मजलिस (एआईएमआईएम) तीन सीटों हैदराबाद, औरंगाबाद और किशनगंज से चुनाव लड़ी। उन्होंने कहा, ''हमने हैदराबाद में भाजपा को हराया, हमें हराने मोदी और अमित शाह आए थे, लेकिन उनकी दाल नहीं गली। औरंगाबाद में 21 साल से शिवसेना सांसद को मजलिस ने हराया। किशनगंज में हम हार जरूर गए लेकिन लाखों वोट मिले।'

उन्होंने दावा किया, 'जहां मैं लड़ता हूं वहां भाजपा नहीं जीतती। हम चाहते हैं कि आपकी आवाज को विधानसभा व संसद में उठाने वाला आपका नुमाइंदा हो। यह तभी होगा जब हम सब अपने लोगों को चुनकर भेजेंगे।'

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, 'केंद्र ने उत्तर प्रदेश में अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए 116 करोड़ रुपये प्रदान किए थे, लेकिन उन्होंने इसमें से केवल 10 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, 'मैंने संसद में इस मुद्दे को उठाया था जबकि अखिलेश ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी थी।'

ओवैसी ने कहा, 'मेरी कोशिश है कि उत्तर प्रदेश के चुनाव से पहले जहां-जहां मेरा संगठन मजबूत हो चुका है वहां जाकर अपने लोगों व वहां की जनता से मुलाकात करूं। यह चुनाव की तैयारी है ताकि चुनाव में अच्छा नतीजा आए। ओवैसी ने मंगलवार को लखनऊ में 2022 में उत्तर प्रदेश में राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण विधानसभा चुनाव में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन के 100 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। उन्होंने मंगलवार को अयोध्या के रूदौली से अपना अभियान शुरू किया था।

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