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भारतीय बौद्ध संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष भंते संघप्रिय राहुल ने किसान बिल और दलितों को लेकर ये क्यों कहा?
राष्ट्रीय स्वयं संघ की दलित चिंतन की विचार धारा से जुड़े भारतीय बौद्ध संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष भंते संघप्रिय राहुल ने आज सुल्तानपुर में कहा कि आदिवासी व दलित समाज के लोगों को भ्रमित कर हिंदू धर्म के लोगों से द्वेषता फैलाने वाले लोगों के मंसूबों को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश के ओजस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की सोच सबका साथ सबका विकास की विचारधारा का दलित समाज स्वागत करता है। राष्ट्रीय अध्यक्ष भंते संघ प्रिय राहुल कहा कि देश में राष्ट्र विरोधी ताकते केंद्रीय कानून नागरिक का संशोधन बिल कृषि बिल धारा 370 के मुद्दे पर केंद्र सरकार का विरोध कर रही हैं, देश की जनता ऐसे लोगों को नकार देगी।
राष्ट्रीय अध्यक्ष भंते प्रिय राहुल ने कहा कि भारतीय बौद्ध संघ सामाजिक समरसता के लिए संपूर्ण देश में काम कर रहा है, उन्होंने कहा कि आदिवासी व दलित समाज के लोगों को प्रलोभन देकर इस्लाम और ईसाई धर्म में लंबे समय से धर्म परिवर्तन कराए जाने का कार्य चल रहा है, उन्होंने बताया कि उन के माध्यम से जम्मू कश्मीर में धर्म परिवर्तन कर चुके 14 अक्टूबर 2019 से 350 परिवारों को बाबा साहब अंबेडकर व दीनदयाल उपाध्याय की नीतियों पर 160 परिवारों को हिंदू वह 290 परिवारों को बौद्ध धर्म ग्रहण कराया गया, हिंदू धर्म व दलित के बीच विशेषता फैलाने वाले संगठनों पर प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि यदि आर एस एस न होता तो दलितों की और भी बदतर स्थिति होती। उन्होंने कहा कि बौद्ध धर्म, जैन व सिख धर्म हिंदू धर्म के ही अंग है।
कृषि बिल व नागरिक संशोधन बिल का विरोध करने वाले लोग राष्ट्र विरोधी हैं इनके विरुद्ध कार्रवाई होनी चाहिए उन्होंने कहा कि धर्म परिवर्तन पर सबसे पहले कानून बनाने वाला राज्य उत्तर प्रदेश है, उन्होंने इसके लिए कल ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर उन्हें हार्दिक बधाई दी है। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि नहीं ऐसे मुस्लिम जो हिंदुस्तान में रहते हुए पाकिस्तान व चीन का समर्थन करते हैं उन्हें शर्मसार होना चाहिए। आदिवासी व दलित समाज की दुर्दशा के लिए भारतीय बौद्ध संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कांग्रेसी सरकारों को जिम्मेदार ठहराया है।