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स्वामी बोले- राम मंदिर के पक्ष में कोर्ट सुनायेगा फैसला, अगला टारगेट मथुरा, काशी मे होगा ये!
अयोध्या। पूर्व केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने रविवार को अपने जन्मदिन की शुरुआत अयोध्या में रामलला के दर्शन से की. दर्शन करने के बाद उन्होंने कहा कि मूलभूत अधिकार प्रॉपर्टी के अधिकार से ऊपर है, इसी आधार पर नवंबर में रामलला के पक्ष में फैसला आएगा. उन्होंने कहा कि इसी साल राम मंदिर निर्माण का काम शुरू हो जाएगा।
अयोध्या में बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने आज दूसरे दिन सुबह रामलला का दर्शन किए. उन्होंने इस दौरान कहा कि पूजा करने का अधिकार मूलभूत अधिकार है, इसे कोई छीन नहीं सकता है. साथ ही जो व्यवस्था जन्म स्थान पर बनी हुई है, वहां से मंदिर को हटाया भी नहीं जा सकता है, और कोई संपत्ति का अधिकार लाएगा तो ठुकरा दिया जाएगा सुब्रमण्यम स्वामी अपना जन्मदिन आज पूजा-पाठ, हवन और गौसेवा के साथ संतों के बीच मना रहे हैं।
स्वामी ने शनिवार को कहा कि अयोध्या के साथ काशी और मथुरा दोनों स्थानों पर मस्जिद को हटाने के लिए मुस्लिमों को अलग जमीन देने का प्रस्ताव दिया जाएगा। स्वामी ने कहा कि रामजन्मभूमि के बाद अगला मिशन काशी-मथुरा की मुक्ति होगी। अयोध्या के साथ ही काशी और मथुरा हिंदुओं के पवित्र और पूजनीय स्थल हैं, इसलिए इन दोनों स्थानों पर मस्जिद को हटाने के लिए मुस्लिमों को अलग जमीन देने का प्रस्ताव दिया जाएगा।
सुब्रमण्यन स्वामी ने दोहराया कि बीते साल नवंबर में राम मंदिर निर्माण का काम शुरू हो जाता क्योंकि विवादित भूमि को छोड़कर अधिग्रहित जमीन पर कोई विवाद नहीं था. उन्होंने कहा, यह भूमि सरकार के पास थी, जिस पर दीपावली से काम शुरू किया जा सकता था लेकिन सभी की राय थी कि मंदिर निर्माण का काम संपूर्ण रूप से एक साथ किया जाए, इसलिए सुप्रीम कोर्ट से फैसला आने का इंतजार किया गया. अब नवंबर में फैसला आने के बाद मंदिर निर्माण का कार्य शुरू होगा और इसी के साथ खुशियां मनाने का दौर भी शुरू हो जाएगा.
सुब्रमण्यन स्वामी ने कहा, राम मंदिर की अधिकांश जमीन सरकार के पास है और उसने इसका राष्ट्रीयकरण कर रखा है. सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि वह जमीन किसी को दे सकता है और सरकार ने भी कहा है कि फैसला आने के बाद सारा काम एक साथ करेंगे. नवंबर में कोर्ट का आदेश आएगा और लोग खुशियां मनाना शुरू कर देंगे।
बतादे कि अभी तक अयोध्या केस की सुनवाई केवल तीन दिन होती थी लेकिन मध्यस्थता से ममाला नही सुलझा तो 6 अगस्त से इस मामले पर रोज सुनवाई हो रही है। जहा पर रामलला के वकील ने अपना पक्ष रख चुके है।