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उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों को मिलेगा कैशलैस इलाज की सुविधा
यूपी के बेसिक शिक्षा विभाग में पढ़ाने वाले 6 लाख शिक्षकों को मिलेगी मुफ्त चिकित्सा सेवा। अब सरकार ने इनकी बहु प्रतीक्षित मांग को पूरा करने का मन बना लिया है।
5 लाख रुपए तक का कैशलेस इलाज करा सकेंगे
सरकारी प्राइमरी व जूनियर स्कूलों के शिक्षकों को यूपी सरकार कैशलेस इलाज की सुविधा देगी। इस सुविधा के सरकारी शिक्षक पांच लाख रुपए तक का कैशलेस इलाज करा सकेंगे। इस योजना की जिम्मेदारी के लिए कम्पनी के चयन में मंथन चल रहा है। इस कैशलेस योजना में संविदा पर तैनात अनुदेशक व शिक्षामित्र भी शामिल किए जाएंगे। यह योजना अनिवार्य नहीं ऐच्छिक होगी। कैशलेस इलाज का प्रीमियम शिक्षकों-शिक्षामित्रों को अपने वेतन या मानदेय से भरना होगा।
शिक्षक बहुत पहले से कर रहे थे मांग
यूपी में सरकारी टीचर लगातार मेडिकल इंश्योरेंस की मांग कर रहे थे। तो योगी सरकार ने इस मांग को पूरा करने के लिए एक रास्ता निकला। सरकार जब बड़े समूह में इंश्योरेंस लेगी तो बाजार के मुकाबले इसका प्रीमियम काफी कम आएगा। क्लेम को लेकर होने वाले विवादों में विभाग अपने कर्मचारियों के पक्ष में निपटारा कराने में मदद करेगा। सरकारी हस्तक्षेप होने की वजह से इंश्योरेंस कम्पनियां मनमानी नहीं कर पाएंगी।
कंपनी सर्वे का काम होगा जल्द पूरा
इसकी तकनीकी बिड खोली जा चुकी है और फाइनेंशियल बिड भी अंतिम चरण में है। बेसिक शिक्षा विभाग ने इसे 100 दिन की योजना में शामिल किया था पर अभी तक इस पर अंतिम निर्णय नहीं हो पाया है कि किस कम्पनी को इंश्योरेंस का जिम्मा दिया जाएगा। जल्द ही यह कार्य पूरा हो जाएगा।
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 3 लाख 67 हजार सहायक अध्यापक हैं। इसके अलावा 70 हजार 466 प्रधानाध्यापक हैं। संविदा पर 1 लाख 41 हजार 201 शिक्षामित्र और 23 हजार 363 अनुदेशक हैं। इन सभी को इसका लाभ मिलेगा।