उत्तर प्रदेश

अनुदेशक , शिक्षामित्र को पुरुस्कार योग्य नहीं समझती सरकार

Satyapal Singh Kaushik
4 Sep 2022 2:30 AM GMT
अनुदेशक , शिक्षामित्र को पुरुस्कार योग्य नहीं समझती सरकार
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5 सितंबर शिक्षक दिवस को जहां सरकार के आदेशानुसार अध्यापकों को सम्मानित किया जाएगा वहीं अनुदेशक,शिक्षामित्र का कोई सम्मान नहीं होगा।

हमारे देश भारत में गुरुओं का सदा से सम्मान रहा है, चाहे वो गुरु द्रोणाचार्य हों, वाल्मीकि हों या डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन।

5 सितंबर को डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन की याद में शिक्षक दिवस मनाया जाता है।इस दिन को शिक्षक सम्मान दिवस के रूप में भी माना जाता है।शिक्षक तो शिक्षक होता है,चाहे वो कम तनख्वाह पाता हो या ज्यादा, चाहे वो नियमित हो या संविदा का, एक शिक्षक के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए। लेकिन उत्तर प्रदेश की सरकार भेदभाव करती है।

जानिए इस विषय पर अनुदेशक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम सिंह क्या कहते हैं

इस विषय पर अनुदेशक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम सिंह कहते हैं कि - "सरकार नियमित और संविदा शिक्षकों को अलग-अलग नजरों से देखती है। जहां वह नियमित शिक्षकों को पुरुस्कार देती हैं वहीं संविदा शिक्षकों को इस योग्य नहीं समझती।जिस परिश्रम और लगन के साथ एक नियमित अध्यापक पढ़ाता है उससे दुगुनी लगन और परिश्रम के साथ अनुदेशक और शिक्षामित्र भी पढ़ाते हैं तो फिर अध्यापकों को शिक्षक दिवस के दिन पुरुस्कार मिले और अनुदेशको को क्यों नहीं? क्या सरकार अनुदेशकों और शिक्षामित्रों को अपना अंग नहीं मानती। अगर सरकार इनको अपना अंग नहीं मानती तो क्यों इनसे नियमित अध्यापक के बराबर काम लेती है और उनका शोषण करती है। सरकार की इस दोहरी व्यस्था को अब अनुदेशक और शिक्षामित्र बर्दाश्त नहीं करेगा। सरकार को चाहिए कि वह शिक्षक दिवस के दिन जो आदेश जारी की है, उसमें बदलाव करे और आदेश में अनुदेशक और शिक्षामित्र को भी शामिल करे।"

Satyapal Singh Kaushik

Satyapal Singh Kaushik

न्यूज लेखन, कंटेंट लेखन, स्क्रिप्ट और आर्टिकल लेखन में लंबा अनुभव है। दैनिक जागरण, अवधनामा, तरुणमित्र जैसे देश के कई प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में लेख प्रकाशित होते रहते हैं। वर्तमान में Special Coverage News में बतौर कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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