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बाबरी विध्वंस की 27वीं बरसी आज, जानिए अयोध्या की सुरक्षा व्यवस्था क्या है
अयोध्या. अयोध्या में राम जन्मभूमि मामले पर फैसला आने के बाद बाबरी विध्वंस की 27वीं बरसी शुक्रवार को है. जिसको लेकर प्रशासन अलर्ट पर है. प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टि से शहर की सड़कों पर रूट मार्च किया. साथ ही राम जन्मभूमि जाने वाले सभी मार्गों पर बैरिकेडिंग लगा दी गई है. 9 नवंबर को अयोध्या विवाद पर फैसला आने के समय प्रशासन ने जो सुरक्षा के इंतजाम किए थे वही सुरक्षा के इंतजाम 6 दिसंबर को भी लेकर किए जा रहे हैं. शुक्रवार होने की वजह से बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज जुमे की नमाज अदा करेंगे. ऐसे में प्रशासन के लिए अग्नि परीक्षा का दिन है. मुस्लिम समाज मस्जिदों में यौमे गम मनाने की भी बात कर रहा है।
विवादित ढांचे की 27वीं बरसी है. 1992 के बाद से ही मुस्लिम समाज यौमे गम मनाता है. हिंदू समाज शौर्य दिवस मनाया था. इस बार के कार्यक्रम को विश्व हिंदू परिषद ने शौर्य दिवस के कार्यक्रम को स्थगित करते हुए अमन और चैन की बात की है. बाबरी पक्षकार हाजी महबूब का कहना है कि उस दिन शहीद हुई मस्जिद और मुस्लिम भाइयों के लिए हम यौमे गम मनाते हैं. इस बार का यौमे गम मस्जिदों में मनाएंगे. पूर्व में यह कार्यक्रम हाजी महबूब अपने घरों में मनाते थे.
अयोध्या की सड़कों पर पुलिस ने रुट मार्च कर के सुरक्षा का मैसेज देने की कोशिश की है. बड़ी संख्या में सुरक्षाबल अयोध्या की सीमा में तैनात हैं. राम जन्मभूमि जाने वाले मार्गों को बैरिकेड कर दिया गया है. अयोध्या में सभी प्रवेश द्वारों पर बड़ी संख्या में सुरक्षाबल सघन चेकिंग अभियान चला रहे हैं. आने जाने वालों वाहनों को चेक किया जा रहा है. साथ ही उनका आधार कार्ड और निवास प्रमाण का जायजा लिया जा रहा है. सुरक्षा व्यवस्था की कमान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक स्वयं अपने हाथ में लिए हुए हैं.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आशीष तिवारी का कहना है कि अयोध्या की सुरक्षा व्यवस्था में 5 अपर पुलिस अधीक्षक 10 क्षेत्राधिकारी 35 स्पेक्टर 140 सब इस्पेक्टर और 350 सिविल पुलिस, 100 महिला पुलिस, 39 कंपनियां पीएसी व एटीएस कमांडो को तैनात किया गया है. जनजीवन सामान्य रखा जाएगा. पूरे अयोध्या क्षेत्र को चार जोन और 10 सेक्टर और 14 सब सेक्टर में बांटा गया है. साथ ही इस बात का भी ध्यान रखा जाएगा कि आम जनजीवन को कम-से-कम असुविधा हो. एसएसपी का कहना है कि यौमे गम और शौर्य दिवस के कार्यक्रम को लेकर दोनों पक्षों से वार्ता की गई है और दोनों पक्षों ने सहयोग करने की बात कही है>
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 9 नवंबर को अयोध्या मामले में रामलला विराजमान के पक्ष में अपना फैसला सुनाया था. इस साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिमों को अयोध्या में अलग से 5 एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने 1934, 1949 और 1992 में मुस्लिम समुदाय के साथ हुई ना-इंसाफी को गैरकानूनी करार दिया है.